हरियाणा : अब सिर्फ डिग्री नहीं, रोजगार के लिए तैयार करेगी शिक्षा
विजन डाक्यूमेंट में लक्ष्य है 2047 तक राज्य की बेरोजगारी दर को मौजूदा 3.6 प्रतिशत से घटाकर 1.5 प्रतिशत से भी नीचे लाना। महिलाओं की श्रम भागीदारी को तीन गुना से अधिक बढ़ाना और युवाओं को ग्रीन व डिजिटल स्किल्स में प्रशिक्षित कर हरियाणा को देश का ‘फ्यूचर-रेडी एजुकेशन मॉडल’ बनाना।
सरकार का कहना है कि यह सिर्फ शिक्षा सुधार नहीं, बल्कि ‘लर्न-टू-अर्न रिवोल्यूशन’ की शुरुआत है। जहां क्लासरूम अब करियर की प्रयोगशाला बनेगा, हर हाथ में हुनर होगा और हर पढ़ाई सीधे एक नये रोजगार अवसर से जुड़ी होगी। राज्य सरकार के विजन 2047 दस्तावेज को यदि सही से लागू किया गया तो आने वाले बीस वर्षों में हरियाणा की शिक्षा व्यवस्था सिर्फ किताबों की दुनिया नहीं रहेगी, बल्कि रोजगार और उद्योगों की प्रयोगशाला बनेगी।
लर्न, लिंक एंड लिव का नया मंत्र
विजन 2047 की बुनियाद तीन शब्दों पर रखी गई है- री-इमैजिन, री-डिज़ाइन और री-इन्वेस्ट। री-इमैजिन यानी शिक्षा को डिग्री से हटाकर रोजगार की दिशा में पुनर्परिभाषित किया जाएगा। री-डिज़ाइन के जरिये कोर्स में ग्रीन टेक्नोलॉजी, डिजिटल ट्रेनिंग और प्रेक्टिकल मॉड्यूल्स को जोड़ा जाएगा। इसी तरह री-इन्वेस्ट के सहारे शिक्षा पर निरंतर पूंजी और संसाधन निवेश होगा ताकि नवाचार को पंख मिलें। यह मॉडल क्लासरूम को ‘करियर लैब’ में बदलेगा, जहां हर छात्र का लक्ष्य अब नौकरी ढूंढना नहीं, नौकरी बनाना होगा।
ग्रीन टेक्नोलॉजी बनेगी नया गणित
विजन डाक्यूमेंट के अनुसार, भविष्य की अर्थव्यवस्था अब सिर्फ उद्योगों पर नहीं, बल्कि सस्टेनेबल टेक्नोलॉजी पर टिकेगी। हरियाणा इसी दिशा में सबसे आगे निकलने की तैयारी में है। ‘फ्यूचर स्किल्स प्रोग्राम’ के तहत छात्र सौर ऊर्जा का दोहन, ई-वेस्ट प्रबंधन, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, एआई और ब्लॉकचेन जैसी आधुनिक तकनीकें सीखेंगे। वहीं ‘प्रोजेक्ट इन्फिनिटी’ उन्हें वैश्विक ऑनलाइन शिक्षा से जोड़ेगा। शिक्षक भी पीछे नहीं रहेंगे। ‘टीच-टू-ट्रांसफॉर्म 2.0’ कार्यक्रम से उन्हें डिजिटल टूल्स और नये स्किलसेट्स में महारत दिलाई जाएगी।
महिलाएं होंगी विकास की नयी धुरी
हरियाणा की अर्थव्यवस्था का आधा इंजन अब महिलाओं के हाथ में होगा। विजन 2047 के तहत महिला श्रम भागीदारी दर 18.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। ‘शी-राइज 2.0’ जैसी योजनाओं के जरिये महिलाओं को डिजिटल और टेक्निकल ट्रेनिंग दी जाएगी। इससे स्टार्टअप्स में प्रवेश आसान होगा और कार्यस्थल पर फ्लेक्सिबल वर्क मॉडल को अपनाया जाएगा। राज्य का मानना है कि अगर महिलाएं कामकाजी आबादी में बराबर हिस्सेदारी निभाएं, तो हरियाणा की जीडीपी दोगुनी रफ्तार से बढ़ेगी।
स्टार्टअप्स बनेंगे नये रोजगार के कारखाने
हरियाणा अब नौकरी ढूंढने वालों की नहीं, नौकरी बनाने वालों की धरती बनना चाहता है। विजन डॉक्यूमेंट के अनुसार, आने वाले वर्षों में एमएसएमई सेक्टर सबसे बड़ा रोजगारदाता होगा। योजना यह है इस सेक्टर से एक करोड़ नयी नौकरियां पैदा की जाएंगी। इनोवेशन हब्स और स्टार्टअप पार्क्स को विशेष प्रोत्साहन मिलेगा। ग्रामीण युवाओं के लिए स्थानीय रोजगार केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
रोजगार के साथ सुरक्षा की ढाल
विजन 2047 की सबसे मानवीय बात यह है कि यह सिर्फ रोजगार देने का नहीं, बल्कि रोजगार को सुरक्षित रखने का वादा करता है। हर श्रमिक को बीमा और पेंशन योजनाओं में शामिल किया जाएगा। स्किल अपग्रेड या नौकरी बदलने पर भी सामाजिक सुरक्षा बनी रहेगी। असंगठित क्षेत्र के लिए अलग सुरक्षा तंत्र विकसित किया जाएगा।
हर हाथ में हुनर, हर युवा को काम : शिक्षा मंत्री
शिक्षा मंत्री महिपाल सिंह ढांडा कहते हैं कि विजन 2047 हमारे युवाओं के लिए सिर्फ नीति नहीं, एक मिशन है। हम ऐसा हरियाणा बनाएंगे जहां हर युवा के पास हुनर होगा, हर हाथ में काम होगा और हर पढ़ाई का सीधा डेस्टिनेशन एक करियर होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यवस्था को फ्यूचर-रेडी मॉडल में बदला जा रहा है ताकि राज्य देशभर में ‘स्किल-ड्रिवन इकोनॉमी’ का केंद्र बने।
