Haryana: 72 घंटे तक ऑटो-सेव होंगे दस्तावेज़, हर तहसील में बनेगा हेल्प डेस्क
Haryana News: हरियाणा सरकार का पेपरलेस रजिस्ट्रेशन सिस्टम अब एक नए और भरोसेमंद चरण में प्रवेश कर रहा है। अब नागरिकों को संपत्ति पंजीकरण के दौरान तकनीकी दिक्कतों, डेटा खोने या लंबी प्रक्रिया की परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं एफसीआर डॉ़ सुमिता मिश्रा ने बृहस्पतिवार को सभी उपायुक्तों के साथ राज्यव्यापी समीक्षा बैठक में बड़े सुधारों की घोषणा की।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि अब यह प्रणाली न केवल तकनीकी रूप से सुरक्षित होगी बल्कि पूरी तरह नागरिक-केंद्रित भी बनेगी। सुधारों के तहत अब ऑनलाइन आवेदन में अपलोड किए गए सभी दस्तावेज़ स्वतः 72 घंटे तक ऑटो-सेव रहेंगे, ताकि किसी भी वजह से प्रक्रिया बीच में रुकने पर डेटा सुरक्षित रहे।
साथ ही, नागरिकों की सुविधा के लिए हर तहसील में समर्पित हेल्प डेस्क बनाए जाएंगे, जहां प्रशिक्षित कर्मचारी मौके पर ही लोगों की तकनीकी व प्रक्रिया संबंधी सहायता करेंगे। इतना ही नहीं, राज्य स्तर पर हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया जाएगा, जिससे किसी भी नागरिक को अब रजिस्ट्रेशन से जुड़ी जानकारी या सहायता के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। डॉ़ मिश्रा ने कहा, ‘हमारी प्राथमिकता नागरिक सुविधा है। किसी भी तकनीकी समस्या या अफवाह के कारण नागरिकों को असुविधा नहीं होनी चाहिए। यही डिजिटल शासन का मूल उद्देश्य है।’
पहले की प्रणाली में आवेदन बीच में रुक जाने या इंटरनेट समस्या आने पर दस्तावेज़ खो जाने की समस्या आम थी। अब सिस्टम को इस तरह अपडेट किया गया है कि सभी अपलोड दस्तावेज़ स्वतः 72 घंटे तक सर्वर पर सुरक्षित रहेंगे। आवेदनकर्ता बाद में भी वहीं से प्रक्रिया दोबारा शुरू कर सकेगा। साथ ही, एक बार जमा की गई रजिस्ट्रेशन फीस पूरी प्रक्रिया के दौरान वैध रहेगी। इसका अर्थ है कि बार-बार शुल्क देने की आवश्यकता नहीं होगी।
हर तहसील में नागरिक सहायता केंद्र
हर जिले की सभी तहसीलों में अब समर्पित हेल्प डेस्क स्थापित किए जाएंगे, जहां नागरिकों को पेपरलेस रजिस्ट्रेशन सिस्टम से जुड़ी हर जानकारी और सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। प्रत्येक केंद्र पर एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति होगी, जिनके संपर्क विवरण सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किए जाएंगे। डॉ़ मिश्रा ने कहा कि नागरिकों को तकनीकी भाषा या प्रक्रिया की जटिलता से जूझना नहीं पड़ेगा। अब सहायता उनके अपने तहसील स्तर पर उपलब्ध होगी। राज्यस्तरीय 24x7 हेल्पलाइन नंबर भी जल्द शुरू किया जाएगा ताकि किसी भी समय नागरिक सीधे तकनीकी सहायता प्राप्त कर सकें।
घटेगा 5 दिन का ‘रिवर्ट टाइम’
राज्य में रजिस्ट्रेशन अनुमोदन की प्रक्रिया को तेज़ करने के लिए अब मौजूदा 5 दिन की रिवर्ट अवधि को घटाने का निर्णय लिया गया है। डॉ़ मिश्रा ने कहा कि नागरिकों को अनावश्यक प्रतीक्षा से राहत देने के लिए प्रक्रिया को और सरल व त्वरित बनाया जा रहा है। सभी जिलों को निर्देश दिया गया है कि वे इंटरनेट कनेक्टिविटी और सर्वर स्थिरता पर विशेष ध्यान दें ताकि आवेदन लंबित न रहें।
अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई
उन्होंने साफ कहा कि कुछ लोगों द्वारा यह गलत सूचना फैलाई गई कि सिस्टम बंद है या पहली नवंबर के बाद खरीदे गए स्टांप अमान्य हैं। उन्होंने इसे पूरी तरह झूठा और दुर्भावनापूर्ण प्रचार बताया। उन्होंने कहा कि सिस्टम एक भी दिन बंद नहीं हुआ। यह पूरी तरह कार्यरत है। गलत सूचना फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रशिक्षण और जागरूकता अभियान पर जोर
उन्होंने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिया कि तहसील स्टाफ, सब-रजिस्ट्रार और डीड राइटर्स के लिए नियमित हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग सत्र आयोजित करें ताकि हर व्यक्ति सिस्टम की नई प्रक्रियाओं से परिचित हो। साथ ही, जनजागरूकता अभियान चलाने के लिए कहा गया ताकि नागरिकों को पेपरलेस सिस्टम की उपयोगिता, प्रक्रिया और लाभों के बारे में सही जानकारी मिले।
सिस्टम में हुए ये बड़े तकनीकी सुधार
- अब दस्तावेज़ अपलोड सीमा 10 एमबी से बढ़ाकर 50 एमबी कर दी गई है।
- सरकारी ट्रांसफर डीड के लिए सिर्फ विभाग का नाम देना होगा, पैन या आधार जरूरी नहीं।
- एचएसवीपी, मार्केटिंग व हाउसिंग बोर्ड व एचएसआईआईडीसी संपत्तियों में खसरा बाध्यता नहीं
- जीपीए मामलों में उपस्थिति स्वतः दर्ज होगी, एक ही लेनदेन में कई पक्षों का समावेश संभव।
- एनओसी नंबर अपने आप डीड में दिखेगा, और शर्तें अब 10,000 शब्दों तक जोड़ी जा सकेंगी।
- ब्लॉक खसरा पेज सुविधा अधिकारियों के लिए जोड़ी गई है।
- आपत्ति आने पर भौतिक दस्तावेज़ मांगने की प्रक्रिया खत्म।
- शहरी निकाय क्षेत्रों में एकल स्वामित्व मामलों में सिस्टम स्वतः 1:1 स्वामित्व मान लेगा।
यह रहे अब तक के आंकड़े
पहली नवंबर से 12 नवंबर के बीच राज्य में 5,334 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 2,110 मंजूर किए गए, जबकि 626 आवेदन त्रुटियों के कारण खारिज हुए। यह संख्या सितंबर-अक्टूबर की तुलना में दो गुना से अधिक वृद्धि को दर्शाती है। कुरुक्षेत्र 810 आवेदन और 524 मंजूरियों के साथ सबसे आगे रहा, जबकि महेंद्रगढ़, करनाल, जींद, फरीदाबाद और गुरुग्राम जैसे जिलों में भी स्थिर प्रगति दर्ज की गई।
यह बदलाव अब लौटने वाला नहीं : सुमिता मिश्रा
एफसीआर डॉ़ सुमिता मिश्रा ने कहा कि यह सुधार केवल डिजिटल बदलाव नहीं, बल्कि राजस्व प्रशासन में नई सोच का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह हरियाणा के राजस्व तंत्र में ऐतिहासिक परिवर्तन है। अब नागरिकों को कागज़ी झंझट नहीं, डिजिटल पारदर्शिता मिलेगी। यह सुधार अब लौटने वाला नहीं।
