Haryana Crime : मैच फिक्सिंग, सट्टेबाजी और जुआ अब संगीन अपराध, आराेपितों की होगी बगैर वारंट गिरफ्तारी
1867 से चला आ रहा अंग्रेजों का कानून समाप्त, 21 मई से लागू हुआ हरियाणा सार्वजनिक जुआ रोकथाम अधिनियम
चंडीगढ़
Haryana Crime : हरियाणा में अब मैच फिक्सिंग, चुनाव, खेलों में सट्टेबाजी, स्पाट फिक्सिंग व जुआ संगीन अपराध माना जाएगा। आरोपितों को सब इंस्पेक्टर या इससे ऊपर रैंक का अधिकारी बगैर अदालती वारंट के गिरफ्तार कर सकेगा।
बार-बार अपराध करने पर सजा भी बढ़ती जाएगी।1867 से चले आ रहे अंग्रेजों के कानून को खत्म किए जाने के बाद 21 मई से नया कानून 'हरियाणा सार्वजनिक जुआ रोकथाम अधिनियम' लागू हो गया है। विधानसभा के बजट सत्र में बनाए गए कानून को अमलीजामा पहनाते हुए गृह सचिव डा. सुमिता मिश्रा ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है।
नए कानून में सट्टेबाजी के मामलों की अलग-अलग श्रेणी परिभाषित की गई है। पहली बार अपराध करने पर सामान्य सजा और जुर्माना होगा। दूसरी बार या इसे अधिक बार वही अपराध करने के मामलों में सजा बढ़ेगी। अधिकतम 7 साल तक की सजा इस तरह के मामलों में हो सकेगी। 5 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा। नए कानून में पुलिस को बड़े अधिकार दिए गए हैं।
सब इंस्पेक्टर रैंक से ऊपर के अधिकारी ही इस तरह के मामलों की जांच कर सकेंगे। कार्यकारी मजिस्ट्रेट या राजपत्रित पुलिस अधिकारी सट्टेबाजी की विश्वसनीय सूचना मिलने के बाद सब इंस्पेक्टर या इस रैंक से ऊपर के अधिकारी को किसी स्थान पर प्रवेश करने या सट्टेबाजी में शामिल लोगों की तलाशी लेने के लिए अधिकृत कर सकेंगे। पुलिस अधिकारी किसी भी व्यक्ति को वारंट के बिना गिरफ्तार कर सकेंगे। मौके से नकदी व अन्य सामग्री भी जब्त कर ली जाएगी।

