Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Haryana CMO : सीएमओ के ‘नोट’ गंभीरता से नहीं लेने पर नपेंगे अधिकारी, मुख्य सचिव ने सभी प्रशासनिक सचिवों व विभाग प्रमुखों को दिए निर्देश

समय पर कार्रवाई नहीं होने पर संबंधित विभाग के अधिकारी को जवाब देना होगा
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
नायब सिंह सैनी
Advertisement

ट्रिब्यून न्यूज सर्विस

चंडीगढ़, 25 अप्रैल।

Advertisement

हरियाणा में सीएमओ (सीएम कार्यालय) से लिखे गए सभी प्रकार के नोट्स अब सिविल सचिवालय की फाइलों का हिस्सा होंगे। यानी इन नोट्स को प्रशासनिक सचिवों व विभाग प्रमुखों को गंभीरता से लेना होगा। सीएमओ से निकले नोट को सीएम का आदेश, निर्देश, इच्छा या मंजूरी मानकर उस पर कार्रवाई करनी होगी। ऐसा नहीं होने पर संबंधित विभाग के अधिकारी को जवाब देना होगा।

मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने इस संदर्भ में लिखित में हिदायतें जारी की हैं। दरअसल, मुख्यमंत्री कार्यालय में कार्यरत अधिकारियों-मुख्य प्रधान सचिव, प्रधान सचिव, अतिरिक्त प्रधान सचिव, उपप्रधान सचिव व ओएसडी को विभागों को आवंटन किया हुआ है। इन विभागों से जुड़े नीतिगत फैसलों, तबादलों, प्रमोशन सहित कई तरह के नोट्स संबंधित अधिकारियों द्वारा लिखे जाते हैं।

अकसर यह बात देखने में आई है कि इन नोट्स को गंभीरता से नहीं लिया जाता। इसी वजह से मुख्य सचिव ने लिखित में आदेश जारी किए हैं। नए आदेश में दो-टूक कहा है कि मुख्यमंत्री द्वारा किए जाने वाले कार्यों को निपटाने में यह अधिकारी सहायक की भूमिका में होंगे। इसलिए उनके द्वारा जारी किसी भी आदेश, नोट अथवा परिपत्र को मुख्यमंत्री की इच्छा का परिणाम माना जाएगा।

मुख्य सचिव ने पूर्व में जारी आदेशों को संशोधित करते हुए कहा कि अब मुख्यमंत्री कार्यालय के यह अधिकारी किसी भी विभागाध्यक्ष, अतिरिक्त प्रधान सचिव अथवा डीसी-एसपी को कार्यों संबंधी निर्देश दे सकते हैं, मुख्यमंत्री की इच्छा के अनुरूप कोई भी निर्णय ले सकते हैं। कार्य के लिए आदेश जारी कर सकते हैं। अभी तक उनके द्वारा जारी जो नोट सचिवालय की फाइलों का हिस्सा नहीं बन पाते थे। अब वे इनका हिस्सा होंगे और सरकारी कामकाज के लिहाज से दस्तावेज माने जाएंगे।

Advertisement
×