Haryana Budget 2025-26: हरियाणा की नायब सरकार का पहला बजट 13 मार्च को
चंडीगढ़, 28 फरवरी (ट्रिन्यू)
Haryana Budget 2025-26: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी बतौर वित्त मंत्री 13 मार्च को अपनी सरकार का पहला बजट पेश करेंगे। इस बजट में हरियाणा को कई तरह की सौगातें मिलने की संभावना है। हरियाणा विधानसभा सचिवालय की तरफ से गुरुवार की रात बजट सत्र के प्रस्तावित कार्यक्रम का ऐलान कर दिया गया।
नायब सरकार के पहले बजट सत्र की शुरूआत सात मार्च को सुबह 11 बजे होगी। पहले दिन राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय अपनी सरकार का रोडमैप पेश करेंगे। राज्यपाल के अभिभाषण के माध्यम से सरकार द्वारा अब तक गए कार्यों तथा भविष्य की योजनाओं के बारे में सदन के माध्यम से प्रदेश को बताया जाएगा।
इसके बाद आठ व नौ मार्च को शनिवार व रविवार का अवकाश होने के कारण विधानसभा की बैठक नहीं होगी। 10 मार्च को सुबह 11 बजे विधानसभा की कार्यवाही फिर से शुरू होगी। जिसमें राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा होगी। राज्यपाल के अभिभाषण पर 11 मार्च को भी चर्चा की जाएगी।
12 मार्च को राज्यपाल के अभिभाषण पर मुख्यमंत्री अपना जवाब देंगे और धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया जाएगा। इसी दिन सदन में सरकार द्वारा विभिन्न मदों पर सप्लीमेंट्री एस्टीमेट पास करवाए जाएंगे। इसके बाद 13 मार्च को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी सदन में बजट पेश करेंगे।
बजट पेश करने के बाद विधानसभा में होली के अवसर पर तीन दिन का अवकाश रहेगा। 17 मार्च को विधानसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू होगी। जिसमें बजट पर चर्चा शुरू होगी। 18 मार्च को भी बजट पर चर्चा करवाई जाएगी। इस चर्चा के बाद 19 मार्च से 21 मार्च तक तीन दिन के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित रहेगी।
22 व 23 मार्च को शनिवार व रविवार का अवकाश होगा। इसके बाद 24 मार्च को विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही मुख्यमंत्री द्वारा बजट पर चर्चा के दौरान उठे सवालों के जवाब दिए जाएंगे। इसी दिन सरकार द्वारा सदन में बजट पास करवाया जाएगा। इसके बाद 25 मार्च को सदन में विधायी कार्य होंगे और कई महत्वपूर्ण बिलों को पास करने के साथ ही सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया जाएगा।
निकाय चुनाव का प्रचार आज होगा बंद
हरियाणा में पहले चरण के स्थानीय निकाय चुनाव के लिए चल रहा प्रचार शुक्रवार को बंद हो जाएगा। राज्य में 2 मार्च को पहले चरण के मतदान होंगे। आज प्रचार बंद होने के बाद सभी चुनावी क्षेत्रों से बाहरी नेताओं को वापस अपने शहरों में जाना होगा। इसके बाद प्रत्याशी मतदाताओं के साथ केवल घर-घर जाकर ही संपर्क कर सकते हैं।