भरतेश सिंह ठाकुर/ ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 23 मार्च
हरियाणा सरकार ने सोनीपत स्थित मैसर्स मेडन फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड को तीन साल के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया है। कंपनी को राज्य निविदाओं में भाग लेने से रोक दिया गया है। साथ ही फर्म को जारी किए गए सभी रेट कॉन्ट्रैक्ट भी रद्द कर दिए गए हैं।
सरकारी अस्पतालों और डिस्पेंसरियों के लिए दवाओं की खरीद करने वाली हरियाणा मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचएमएससीएल) ने कंपनी की तीन दवाएं क्वालिटी टेस्ट में फेल होने के बाद उसके खिलाफ कार्रवाई की है। कंपनी की एल्बेंडाजोल टैबलेट 400 मिलीग्राम के 21 बैच, आइबुप्रोफेन टैबलेट आईपी 400 मिलीग्राम के तीन बैच और एजिथ्रोमाइसिन सस्पेंशन 40 एमजी/ एमएल के 16 बैच जांच में फेल पाये गये। एचएमएससीएल द्वारा सूचीबद्ध प्रयोगशालाओं ने इन्हें ‘मानक गुणवत्ता का नहीं’ घोषित किया। इन उत्पादों की आपूर्ति 2022 और 2023 में की गयी थी। हरियाणा मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन के एमडी विवेक अग्रवाल द्वारा कंपनी को ब्लैकलिस्ट किये जाने के आदेश में कहा गया है कि गुणवत्ता नियंत्रण को लेकर मेडेन फार्मा पर पहले भी कई बार कार्रवाई हो चुकी है। हरियाणा के राज्य औषधि नियंत्रक ने 11 अक्तूबर, 2022 के एक आदेश द्वारा कंपनी की विनिर्माण गतिविधियों को रोक दिया था। केरल सरकार की जांच में पांच, जबकि हिमाचल प्रदेश सरकार के टेस्ट में कंपनी का एक दवा फॉर्मूलेशन गुणवत्ता के पैमाने पर खरा नहीं उतरा था। वहीं, बिहार सरकार ने कंपनी को 2011 में ब्लैकलिस्ट किया था।