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Haryana: सिर्फ कागजों में ही बिलासपुर बना ‘व्यासपुर’, हाई कोर्ट को नाम बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं

Haryana News: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यमुनानगर ज़िले के बिलासपुर उपमंडल का नाम बदलकर व्यासपुर करने को लेकर हरियाणा सरकार से कोई प्रस्ताव नहीं आया है। आरटीआई याचिका के जवाब में हाईकोर्ट के जनसूचना अधिकारी...

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Haryana News: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यमुनानगर ज़िले के बिलासपुर उपमंडल का नाम बदलकर व्यासपुर करने को लेकर हरियाणा सरकार से कोई प्रस्ताव नहीं आया है। आरटीआई याचिका के जवाब में हाईकोर्ट के जनसूचना अधिकारी व ज्वाइंट रजिस्ट्रार (रूल्स) नवीन कुमार शर्मा ने बताया कि 23 सितंबर तक इस संबंध में राज्य सरकार से अदालत को कोई परामर्श या पत्र नहीं मिला।

दिलचस्प यह है कि हरियाणा के मुख्य सचिव और जिला प्रशासन यमुनानगर की वेबसाइट पर एसडीएम जसपाल सिंह का पदनाम ‘व्यासपुर’ दिख रहा है, जबकि हरियाणा पुलिस की साइट पर डीएसपी का पदनाम अब भी ‘बिलासपुर’ दर्ज है। वहीं हाईकोर्ट वेबसाइट पर बिलासपुर उपमंडल में तैनात 6 जजों की पोस्टिंग भी ‘बिलासपुर’ नाम से ही है।

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कानूनी विशेषज्ञ एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि 14 जनवरी, 2025 को राज्य सरकार ने राजस्व विभाग के नोटिफिकेशन से बिलासपुर गांव का नाम ‘व्यासपुर’ कर दिया था, जो 29 अप्रैल को गजट में प्रकाशित हुआ। लेकिन गांव का नाम बदलने से सब-डिवीजन का नाम स्वतः नहीं बदलता। किसी उपमंडल का नाम बदलने के लिए न्याय-प्रशासन विभाग को हाईकोर्ट से परामर्श करना अनिवार्य है।

कानूनी प्रक्रिया का हवाला

हेमंत कुमार के अनुसार भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 7(3) में स्पष्ट है कि नई सब-डिवीजन बनाने या मौजूदा नाम बदलने के लिए हाईकोर्ट से सहमति लेनी होती है, क्योंकि वहां एसडीएम, डीएसपी और न्यायिक मजिस्ट्रेट की नियुक्तियां न्यायपालिका की स्वीकृति से जुड़ी होती हैं। उनका कहना है कि एक ही उपमंडल के दो नाम - बिलासपुर और व्यासपुर होने से सरकारी रिकॉर्ड व जनता दोनों में असमंजस है।

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