महर्षि मार्कण्डेय की धरोहर से जुड़ेगा हरियाणा-बाली
पर्यटन मंत्री सोमवार को बाली की सांस्कृतिक राजधानी माने जाने वाले उबुद पहुंचे। यहां उन्होंने प्रिंस और सांसद तजोकार्डा गेडा अस्मारा पुत्रा से उनके आधिकारिक निवास पर शिष्टाचार भेंट की और सांस्कृतिक संबंधों पर गहन चर्चा की। इस अवसर पर प्रिंस ने बताया कि बाली में रामायण और महाभारत का गहरा प्रभाव है - यहां बच्चा-बच्चा इन महाकाव्यों के पात्रों को जानता है। प्रिंस ने अपने महल की दीवारों पर बने रामायण-महाभारत के चित्र दिखाए और हरियाणा मंत्री को इंडोनेशियाई संस्कृति पर लिखी पुस्तक भेंट की।
सांस्कृतिक समानता पर गहरी बातचीत
डॉ़ शर्मा ने कहा कि हरियाणा और बाली के बीच सांस्कृतिक समानता अनोखी है। उन्होंने उल्लेख किया कि महर्षि मार्कण्डेय ने कुरुक्षेत्र के शाहबाद में तपस्या की थी और बाली में मदर टेंपल की स्थापना से दोनों स्थान हमेशा के लिए जुड़े। इन रिश्तों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के मार्गदर्शन में और मजबूत किया जाएगा।
बैठक के दौरान बाली संसद और प्रांतीय सदन के प्रतिनिधियों को यह जानकर आश्चर्य हुआ कि राखीगढ़ी और अग्रोहा जैसे प्राचीन नगर दुनिया के व्यापारिक मार्गों में अहम रहे हैं। डॉ. शर्मा ने कहा कि राखीगढ़ी में मिले साक्ष्य मानव सभ्यता की समझ को नई दिशा दे रहे हैं, जबकि महाराजा अग्रसेन की नगरी अग्रोहा प्राचीन काल से व्यापार का महत्वपूर्ण केंद्र रही है। कैबिनेट मंत्री ने उबुद प्रिंस तजोकार्डा को 25 नवंबर से कुरुक्षेत्र में शुरू हो रहे अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया।