Haryana Assembly Session : हुड्डा ने साधा BJP पर निशाना, कहा - सवालों से भागी भाजपा, कानून व्यवस्था पर नाकाम
Haryana Assembly Session : विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान विपक्ष ने बीजेपी सरकार को जमकर घेरा। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि पूरे सत्र में सरकार ने विपक्ष के सवालों से लगातार भागने का काम किया। कानून व्यवस्था, किसानों के मुद्दे, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और महंगाई जैसे तमाम विषयों पर सरकार के पास न तो कोई जवाब था और न ही समाधान।
हुड्डा ने कहा कि मुख्यमंत्री और मंत्री सवालों का जवाब देने के बजाय इधर-उधर की बातें करके सदन को गुमराह कर रहे थे।
बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ के सेक्टर-7 स्थित अपने सरकारी आवास पर मीडिया से बातचीत में हुड्डा ने कहा कि बीजेपी सरकार 24 फसलों पर एमएसपी देने के दावे की पोल खोल चुकी है। मक्का का रेट 1000 से 1400 रुपये प्रति क्विंटल रहा जबकि सरकार का दावा 2400 रुपये था। किसानों को एमएसपी और खाद के लिए पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया, लेकिन वास्तविक लाभ नहीं मिला।
मुआवजे के मामले में भी सरकार ने सिर्फ ‘क्षतिपूर्ति पोर्टल’ पर पंजीकरण करवा दिया, लेकिन मुआवजा नहीं दिया। पीएम फसल बीमा योजना के तहत मुआवजे की राशि में 90 प्रतिशत तक गिरावट हुई। कांफ्रेंस में पूर्व स्पीकर व बेरी विधायक डॉ़ रघुबीर सिंह कादियान, पूर्व मंत्री व थानेसर विधायक अशोक अरोड़ा, झज्जर विधायक गीता भुक्कल, नूंह विधायक आफताब अहम व रोहतक विधायक बीबी बतरा सहित कई विधायक व नेता मौजूद रहे।
बीपीएल कार्ड में अनियमितताएं
हुड्डा ने कहा कि चुनाव के समय लाखों बीपीएल कार्ड बनाए गए, जिनमें अपात्र लोग भी शामिल थे। अब लाखों कार्ड काटे जा रहे हैं, जिनमें गरीबी रेखा से नीचे वाले भी प्रभावित हैं। उन्होंने इसे वोटों की चोरी करार दिया। हुड्डा ने कहा कि बीजेपी सरकार ने जमीनों के रेट आसमान पर पहुंचा दिए। इससे गरीब और मध्यम वर्ग की पहुंच पूरी तरह बाहर हो गई।
खिलाड़ियों की नियुक्तियों का सच
विधायक हुड्डा ने यह भी कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान 700 से अधिक खिलाड़ियों को सरकारी पदों में नियुक्त किया गया था। इसमें 18 डीएसपी, 21 इंस्पेक्टर, 35 सब-इंस्पेक्टर, 326 कांस्टेबल और अन्य विभागों के पद शामिल थे। बीजेपी सरकार ने खेल कोटा और रोजगार के इस रास्ते को बंद कर दिया।
कानून व्यवस्था में संगठित अपराध बढ़े
हुड्डा ने बताया कि कांग्रेस सरकार के समय अपराध असंगठित थे, जबकि बीजेपी के शासन में ऑर्गेनाइज्ड क्राइम फैल गया। प्रदेश में 80 से ज्यादा अपराधी गिरोह सक्रिय हैं। एनसीआरबी के आंकड़े हरियाणा को महिलाओं के खिलाफ अपराध में देश का नंबर वन और रेप मामलों में तीसरे नंबर पर दिखाते हैं।