ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 19 जुलाई
बाढ़ की चपेट में आए हरियाणा के 12 जिलों में आम लोगों के जान-माल के अलावा सैकड़ों करोड़ रुपये की सरकारी प्रॉपर्टी का भी नुकसान हुआ है। इन जिलों में 1142 किमी लम्बाई की 996 सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं। इनमें से कई सड़कें ऐसी हैं, जो पूरी तरह से बाढ़ के बहाव में बह गई। इन्हें नये सिरे से बनाना होगी। फिलहाल सरकार ने इन सड़कों के निर्माण व मरम्मत आदि के लिए 230 करोड़ रुपये का अस्टिमेट तैयार किया है।
इतना ही नहीं, कई नेशनल हाईवे भी बाढ़ की वजह से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इन्हें ठीक करने के लिए सरकार द्वारा नेशनल हाईवे अथॉरिटी को लिखा जाएगा। क्षतिग्रस्त हुए नेशनल हाईवे को ठीक करने का काम संबंधित टोल एजेंसियों का है। स्टेशन हाईवे, जिला सड़कों व गांवों की संपर्क सड़कों को पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा ठीक किया जाएगा। इसी तरह से मार्केटिंग बोर्ड की भी कई सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का कहना है कि सड़कों को ठीक करने के लिए विभाग को आदेश दे दिए हैं।
बुधवार को यहां मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों, पुल, पुलिया, पेयजल योजनाओं, लघु सिंचाई योजनाओं, बिजली परियोजनाओं को जो नुकसान पहुंचा है, उन्हें तुरंत ठीक करने के लिए संबंधित विभागों को आदेश दिए हैं। इसके लिए पैसा भी मंजूर किया जा चुका है। प्रशासनिक स्तर के अधिकारियों को प्रभावित जिलों में भेजा है ताकि वे वहां जाकर इंफ्रास्ट्रक्चर के कार्यों पर तुरंत काम शुरू करवा सकें।
बाढ़ की वजह से प्रदेशभर में 125 लोगों के मकान गिर गए। वहीं 615 घरों में आंशिक नुकसान की रिपोर्ट है। इन मकानों की मरम्मत करवानी होगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि नियमों के हिसाब से ऐसे लोगों को सरकार मुआवजा भी देगी। सड़कों की जल्द मरम्मत के लिए सरकार ने एसई की अध्यक्षता में कमेटियां गठित की हैं। ये कमेटियां 10 लाख से लेकर एक करोड़ रुपये तक के काम अपने स्तर पर करवा सकेंगे। इससे अधिक लागत के कार्य इंजीनियरिंग वर्कर्स पोर्टल के जरिये होंगे। सरकार ने नियमों में छूट देते हुए ऐसे कार्यों को एक सप्ताह में मंजूर करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि अभी तक के अनुमान के अनुसार, नदियों व नहरों में कटाव, तटबंध टूटने सहित 399 प्रोजेक्ट्स को नुकसान पहुंचा है। इन्हें ठीक करने में लगभग 90 करोड़ रुपये खर्च होंगे। बाढ़ की वजह से 3369 बिजली के खम्भे या तो गिर गए या फिर टेढ़े हो गए। इस तरह से 1478 ट्रांसफार्मरों के जलने की रिपोर्ट है। बिजली व्यवस्था को बहाल करने पर 22 करोड़ से अधिक का खर्चा आएगा।