गुरुग्राम, 8 नवंबर (हप्र)
हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (हरेरा) की गुरुग्राम बैंच ने प्रमोर्ट्स और आवंटियों के बीच विवादों के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए संपूर्ण मध्यस्थता फोरम की स्थापना की है। पंचनिर्णय, मध्यस्थता और सुलह जैसे वैकल्पिक विवाद समाधान (ऑल्टरनेट डिस्पयूट रेजोल्युशन) मेकेनिज्म मुकदमेबाजी से कहीं अधिक निजी, किफायती और समय की बचत करने वाले हैं।
गुरुग्राम बैंच ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए रियल एस्टेट विवादों के समाधान के लिए मध्यस्थता को एडीआर मेकेनिज्म के रूप में अपनाने का फैसला किया है और प्राधिकरण में पूरी तरह से समर्पित मध्यस्थता केंद्र फोरम स्थापित किया है। मध्यस्थता फोरम पार्टियों को प्राधिकरण की औपचारिक कार्रवाई से बाहर समझौता करने का विकल्प प्रदान करेगा। प्राधिकरण ने मध्यस्थों का एक पैनल गठित किया है, जो रियल एस्टेट परियोजनाओं से जुड़े विवादों में मध्यस्थता करने के लिए अपेक्षित कौशल से युक्त हैं। मध्यस्थता मंच के दायरे में दो प्रकार के मामले आएंगे। पहली बार औपचारिक शिकायत दायर करने से पहले के चरण में मध्यस्थता के लिए किया गया आवेदन, जो हरेरा गुरुग्राम की मुख्य जनसंपर्क अधिकारी डॉ. दीपा मलिक द्वारा व्यक्तिगत आधार पर शिकायत निवारण हेतु लिया जाएगा। दूसरा प्राधिकरण द्वारा जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा हरेरा गुरुग्राम के एडज्यूडिकेटिंग ऑफिसर एससी गोयल (सेवानिवृत्त) को सीपीसी की धारा 89 के प्रावधानों के संदर्भ में दी गई शिकायतों या मामलों के रूप में। एओ को प्रतिदिन 15-20 मामलों की शिकायतें भेजी जा सकेंगी। इसमें ऐसी शिकायतें भी शामिल होंगी जो प्राधिकरण के समक्ष पहले से लंबित हैं।
”रियल एस्टेट डेवलपर्स और सेवा प्रदाताओं के साथ डीलिंग में घर खरीददारों के असंतोष के असंख्य मामले आए हैं। वर्षों से परियोजनाओं की डिलीवरी में देरी, निर्माण के दौरान लागत में वृद्धि, बिल्डर-खरीददार के असमान समझौते और एक प्रभावी प्रवर्तन तंत्र के अभाव ने घर खरीददारों की परेशानी को बढ़ा रखा है। इसके परिणामस्वरूप रेगुलेटरी के समक्ष बड़ी संख्या में शिकायतें आ रही हैं। संपूर्ण मध्यस्थता फोरम ऐसे में विकल्प मुहैया करवाएगी।” -केके खंडेलवाल, चेयरमैन हरेरा