चंडीगढ़, 30 जून (ट्रिन्यू)
हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने पंजाब विधानसभा के दूसरे बजट सत्र के दौरान बृहस्पतिवार को पंजाब विश्वविद्यालय को लेकर पारित किए गए प्रस्ताव पर कड़ी आपत्ति जताई है। गुप्ता ने कहा कि यह प्रस्ताव न तो तथ्यात्मक रूप से ठीक है और न ही सैद्धांतिक कसौटी पर खरा उतरता। यह प्रस्ताव मात्र हरियाणा और विशेषकर पंचकूला के हितों पर कुठाराघात करने के उद्देश्य से पास किया गया है। इसमें स्पष्ट रूप से राजनीतिक हित साधने की मंशा उजागर हो रही है।
गुप्ता ने यहां कहा कि उनकी ओर से पंजाब विश्वविद्यालय में हरियाणा का हक लेने के लिए बड़े स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। शीघ्र ही यह प्रयास रंग दिखाने जा रहे हैं। पंजाब सरकार ने इन प्रयासों से घबराकर आनन-फानन में यह प्रस्ताव पारित किया है। पंजाब विधानसभा में बृहस्पतिवार को पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि हरियाणा सरकार ने एकतरफा रूप से विश्वविद्यालय से अपने कॉलेजों की संबद्धता वापस ले ली और इसे हरियाणा राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों में स्थानांतरित कर दिया, जिससे विश्वविद्यालय के राजस्व में कमी आई है।
इस प्रस्ताव में लिखा है कि पंजाब विश्वविद्यालय के चरित्र को बदलने का कोई भी निर्णय पंजाब के लोगों को स्वीकार्य नहीं होगा। इसमें अनुशंसा की गई है कि अगर केंद्र सरकार द्वारा किसी प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है तो उसे तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाना चाहिए। गुप्ता ने कहा, पंजाब की ओर से पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि पंजाब विवि प्रदेश की तत्कालीन राजधानी लाहौर से होशियारपुर और फिर चंडीगढ़ में स्थानांतरित कर दिया गया था। यह अधूरा सच है। पूरा सत्य यह है कि लाहौर के बाद पंजाब विवि का कामकाज व अध्ययन हरियाणा के रोहतक और हिमाचल के शिमला से भी होता रहा है। पंजाब के प्रस्ताव में इस तथ्य को छिपाया है।