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करनाल में धान खरीद घोटाले में हैफेड डीएम पर गिरी गाज

एक के बाद एक अधिकारी, कर्मचारियों पर दर्ज हो रहे केस
करनाल में आये धान का फोटो।-हप्र
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करनाल में बड़े पैमाने पर धान खरीद में गड़बड़ी हुई है, फर्जी गेट पास के सहारे कागजों में ही लाखों क्विंटल धान खरीद डाला, जिसके चलते करनाल जिला प्रदेश में धान घोटाले का गढ़ बनकर उभरा है। छोटे से लेकर बड़े स्तर के अधिकारी धान घोटाले के लपेटे में आ रहे हैं। मुख्यमंत्री नायब सैनी द्वारा फर्जी गेट पास में करनाल मंडी के 3 अधिकारियों को सस्पेंड करने के बाद, करनाल, जुंडला, घरौंडा, निसिंग और तरावड़ी मंडी में खरीद एजेंसी के 4 इंसपेक्टरों, एक सब इंसपेक्टर और करनाल-तरावड़ी मंडियों के सचिव, 3 अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद हैफेड डीएम अमित कुमार को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया। इससे मंडियों में तैनात अधिकारियों, खरीद एजेंसियों, आढ़तियों, राइस मिलरों में हड़कंप मचा हुआ है।

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सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार असंध के 2 राइस मिलों को मिलिंग के लिए दिए गए धान की मात्रा फिजिकल वेरीफिकेशन के दौरान भारी मात्रा में कम पाई गई। आरोप तो यहां तक हैं कि इन मिलों को नियमों को ताक पर रखकर धान अलॉट किया गया, कागजात भी पूरे नहीं पाए गए। इसके चलते हैफेड के अतिरिक्त महाप्रबंधक ने करनाल में तैनात हैफेड डीएम को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया।

करनाल की असंध, जुंडला, इंद्री, तरावड़ी, निसिंग, कुंजपुरा, घरौंडा और करनाल मंडी में कितने फर्जी गेट पासों पर कितने लाख क्विंटल धान कागजों में खरीदा गया, इसकी सच्चाई डीसी के निर्देशों पर मिलों में हो रही फिजिकल वेरीफिकेशन में पता चल पाएगा। इतना तय है कि जिला की मंडियों से बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा किया गया है, जिसमें मंडियों के अधिकारी, कर्मचारी, खरीद एजेंसियों के इंसपेक्टर, सब इंसपेक्टर, ट्रांसपोर्टर्स, कई आढ़ती ओर कई किसान भी शामिल हैं। धान खरीद में फर्जीवाड़ा 3-4 राइस मिलों में शुरुआती स्तर पर हुई फिजिकल वेरीफिकेशन से निकलकर सामने आ चुका है। इन मिलों में हजारों क्विंटल धान का स्टॉक कम पाया गया, जो फर्जी गेट पासों के सहारे कागजों में खरीदी गई धान की ओर इशारा करता है। फिलहाल राइस मिलों में चैकिंग चल रही है।

धान घोटाले में दर्ज अधिकारियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए : बहादुर मेहला

भारतीय किसान यूनियन (सर छोटू राम) के प्रवक्ता बहादुर मेहला ने कहा कि धान घोटाले में अभी तक जिन अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, उन सभी की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की है। गिरफ्तार में देरी होने पर अधिकारी जांच को प्रभावित कर सकते हैं। यूनियन के प्रवक्ता बहादुर मेहला बलड़ी ने आरोप लगाते हुए कहा कि हरियाणा में हजारों करोड़ का धान घोटाला हुआ है। घोटाले की परतें सबसे पहले भाकियू सर छोटूराम ने ही खोली थीं। यूनियन यह भी मांग करती है कि मुख्यमंत्री किसानों से संवाद करके उनकी समस्याओं को हल करने का काम करें।

धान घोटाला राजनीतिक संरक्षण में हुआ : रतनमान

भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रदेश अध्यक्ष रतनमान ने हाल ही में सामने आए करोड़ों रुपये के धान घोटाले को लेकर कहा कि यह घोटाला पूरी तरह से राजनीतिक संरक्षण में हुआ है। रतनमान ने इस घोटाले में शामिल मुख्य गुनहगारों को शीघ्र गिरफ्तार करने की मांग की और चेतावनी दी कि अगर सरकार असली अपराधियों को गिरफ्तार करने में विफल रही, तो भाकियू इस मामले में जन आंदोलनों का रुख अपनाएगी।

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