चंडीगढ़, 9 जुलाई (ट्रिन्यू)
करीब 17 साल बाद हरियाणा में लोकसभा सांसदों की संख्या 10 से बढ़कर 14 होने वाली है। वहीं, नब्बे सदस्यों वाली विधानसभा के सदस्यों की संख्या 126 तक हो सकती है। प्रदेश की मौजूदा विधानसभा में एक भी अधिक सदस्य को बैठाने तक का बंदोबस्त नहीं है। यही नहीं, वर्तमान विधानसभा भवन का विस्तार किया जाना भी संभव नहीं है, क्योंकि यह हैरीटेज बिल्डिंग है। इसी को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार नयी विधानसभा बनाने का फैसला कर चुकी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हरियाणा को चंडीगढ़ में ही नयी विधानसभा के लिए 10 एकड़ जमीन उपलब्ध करवाने का ऐलान किया है।
शनिवार को जयपुर में शाह की अध्यक्षता में हुई उत्तर क्षेत्रीय परिषद की 30वीं बैठक में सीएम मनोहर लाल खट्टर ने यह मुद्दा उठाया था। हरियाणा ने आईटी पार्क रोड पर नयी विधानसभा के लिए जमीन फाइनल की है। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता लम्बे समय से यह मुद्दा उठा रहे हैं। उन्होंने पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को पत्र लिखा। सीएम इस मुद्दे पर गृह मंत्री अमित शाह से पहले भी मिल चुके हैं। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने अमित शाह के अलावा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, यूटी प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित से भी मिल चुके हैं। बहरहाल, हरियाणा की नयी विधानसभा अब चंडीगढ़ में ही बनने का रास्ता साफ हो गया है। गृह मंत्री की घोषणा के दौरान यूटी प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित भी जयपुर की मीटिंग में मौजूद थे। अब यूटी प्रशासन जमीन से जुड़ी प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगा।
पंजाब ने भी मांगी जमीन : शाह की घोषणा के बाद मान ने ट्वीट किया, ‘मेरी केंद्र सरकार से अपील है कि हरियाणा की तर्ज पर पंजाब के लिए भी अपनी विधानसभा बनाने के लिए चंडीगढ़ में जमीन आवंटित की जाए। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट भी अलग-अलग किया जाए।’
मौजूदा भवन में भी मांगा हक
बैठक में सीएम खट्टर ने मौजूदा भवन में भी हरियाणा का पूरा हिस्सा दिलवाने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि लगभग 56 साल बीत जाने के बाद भी हमें अपना पूरा हक नहीं मिला है। उन्होंने कहा, ‘विधानसभा भवन में 24,630 वर्ग फुट क्षेत्र हरियाणा विधानसभा सचिवालय को दिया गया था, लेकिन हमारे हिस्से में आए 20 कमरे अभी भी पंजाब विधानसभा के कब्जे में हैं।’