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ब्लॉकचेन पर आधारित डिजिटल डिग्री देगा गुजविप्रौवि

हिसार, 2 जनवरी (हप्र) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर की तर्ज पर हिसार के गुरु जंभश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों को इस साल से ब्लॉक चेन आधारित डिजिटल डिग्री भी प्रदान करेगी। इस डिग्री की ऑनलाइन ही वेरिफिकेशन...
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हिसार, 2 जनवरी (हप्र)

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर की तर्ज पर हिसार के गुरु जंभश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों को इस साल से ब्लॉक चेन आधारित डिजिटल डिग्री भी प्रदान करेगी। इस डिग्री की ऑनलाइन ही वेरिफिकेशन भी हो सकेगी। विवि कुलपति प्रोफेसर नरसीराम बिश्नोई ने बृहस्पतिवार को पत्रकारों को यह जानकारी दी। उनके साथ रजिस्ट्रार प्रोफेसर विनोद छोकर, डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. योगेश चाबा, तकनीकी सलाहकार एचआरएम प्रो. संदीप राणा, डीन ऑफ कॉलेजिज प्रो. संजीव कुमार, निदेशक आउटरीच प्रो. दलबीर सिंह, कंसलटेंट डॉ. विमल झा, उपनिदेशक जनसंपर्क डॉ. बिजेंद्र दहिया भी उपस्थित थे।

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डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. योगेश चाबा इस डिजिटल डिग्री की योजना पर काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह डिजिटल डिग्री ब्लॉकचेन आधारित सुरक्षा तकनीक पर होगी जो अब तक की सबसे सुरक्षित डिजिटल डिग्री है। इसको ऑनलाइन ही वेरिफाई किया जा सकता है क्योंकि इसमें छेड़छाड़ की संभावना कम है। उन्होंने बताया कि इस ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित डिजिटल डिग्री को सबसे पहले आईआईटी कानपुर ने शुरू किया। प्रदेश में एनआईटी कुरुक्षेत्र ने भी इस डिजिटल डिग्री की शुरुआत कर दी है लेकिन गुजविप्रौवि प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय होगा जो इस तकनीक पर डिजिटिल डिग्री देगा। विवि कुलपति ने बताया कि इस साल में शैक्षणिक, प्रशासनिक, परीक्षा एवं सर्टिफिकेशन से संबंधित सभी कार्यों को पूरी तरह से ईआरपी पोर्टल पर स्थानांतरित किया जाएगा। इसके बाद विवि का पूरा कार्य पेपरलेस हो जाएगी। पिछले शैक्षणिक सत्र में, विश्वविद्यालय ने 20 से अधिक स्नातक (अंडर ग्रेजुएट) और स्नातकोत्तर (पोस्ट ग्रेजुएट) पाठ्यक्रम शुरू किए। इनमें से कई पाठ्यक्रमों में सीटों की संख्या बढ़ानी पड़ी है। उन्होंने बताया कि यह वर्ष आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का है जिसके मद्देनजर इस वर्ष से निर्णय लिया गया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत स्नातक व स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में कुछ एआई बेस्ड (कौशल विकास पाठ्यक्रम) और मूल्य वृद्धि पाठ्यक्रम (वैल्यू इनहांसमेंट कोर्सिज-वीईसी) अनिवार्य रूप से जोड़े जाएंगे। इसका उद्देश्य युवाओं को बदलते युग की चुनौतियों के लिए तैयार करना है। इस साल स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों को भी नई शिक्षा नीति के तहत शुरू करने पर जोर दिया जाएगा।

इस वर्ष विश्वविद्यालय में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) व साइबर सुरक्षा पर आधारित बीटेक कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विभिन्न अनुप्रयोगों पर आधारित कई अल्पकालिक प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम विद्यार्थियों व पेशेवरों के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे। विदेशी विश्वविद्यालयों की तर्ज पर गुजविप्रौवि ने सीडीओई के तहत ऑनलाइन यूजी व पीजी कार्यक्रमों में साल में दो बार प्रवेश की प्रक्रिया शुरू की है। ओडीएल (ऑनलाइन डिस्टेंस लर्निंग) और ऑनलाइन कार्यक्रमों में अधिक नामांकन को प्रोत्साहित करने के लिए हमने मार्केटिंग चैनल पार्टनर (एमसीपी) के साथ साझेदारी की है।

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