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अज्ञान के अंधेरे से छुटकारा दिलाता है गुरु : कंवर महाराज

भिवानी, 3 जुलाई (हप्र) गुरु पूर्णिमा सतगुरु का पर्व है क्योंकि पूर्णिमा पूर्णता की पर्याय है और सतगुरु से पूर्ण कोई नहीं है। गुरु का दर्जा इंसान के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। सतगुरु का दर्जा तो और...

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भिवानी के राधा स्वामी सत्संग भवन में सोमवार को सतगुरु कंवर साहेब महाराज प्रवचन करते हुए ।-हप्र
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भिवानी, 3 जुलाई (हप्र)

गुरु पूर्णिमा सतगुरु का पर्व है क्योंकि पूर्णिमा पूर्णता की पर्याय है और सतगुरु से पूर्ण कोई नहीं है। गुरु का दर्जा इंसान के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। सतगुरु का दर्जा तो और भी ऊंचा है। गुरु की आवश्यकता हमें रहबर के तौर पर, पथ प्रदर्शक के तौर पर जीवन के हर क्षेत्र में पड़ती है। मां-बाप से लेकर हमें ज्ञान देने वाला हर इंसान गुरु है लेकिन सतगुरु इन सब से अलग है क्योंकि सतगुरु हमें वो कौशल, वो साधना बताता है जिससे हमें परमात्मा मिलता है। ये सत्संग वचन परम संत सतगुरु कंवर साहेब महाराज ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित सत्संग कार्यक्रम में रोहतक रोड स्थित राधास्वामी सत्संग भवन में उमड़ी हजारों की संगत में फरमाये।

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हुजूर महाराज ने वेद व्यास को समर्पित गुरु पूर्णिमा के महत्व का बखान करते हुए कहा कि संतमत सतनाम सतगुर और सत्संग पर बल देता है। यह उस सुगम मार्ग की ओर लेकर जाता है जिसे आठ साल का बच्चा भी अपना सकता है और साठ साल का बुजुर्ग भी। उन्होंने कहा कि ब्रह्मा, विष्णु, महेश हमारे मुख्य देव हैं और सतगुरु इन सब से भी ऊपर है क्योंकि सतगुरु में सब शक्तियों के गुण हैं।

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गुरु नाम प्रकाश का है जो हमें अज्ञान के अंधेरे से छुटकारा दिलाता है। गुरु के बिना इंसान उस अंधे के समान हैं जिसे कोई मार्ग नहीं सूझता। गुरु महाराज ने कहा कि प्रकृति आसानी से किसी को भटकने नहीं देती। उन्होंने कहा कि सौ चन्द्रमा उग जाएं, हजारों सूर्य भी क्यों न चढ़ जाएं लेकिन बिना गुरु के अंधेरे में पड़े इंसान को रास्ता नहीं दिखा सकते गुरु के हो जाओ, सारी कायनात आपकी हो जाएगी। सत्संग से पूर्व रक्तदान शिविर में 200 यूनिट रक्त का संग्रह किया गया।

गुरु पूर्णिमा पर किया विश्व शांति यज्ञ

सफीदों (निस) : गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष्य में यहां साधुराम चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संचालित मां भागोदेवी धर्मार्थ अस्पताल परिसर में ट्रस्ट के प्रतिनिधियों, अस्पताल के स्टाफ व क्षेत्र के अनेक गणमान्य लोगों ने विश्व शांति यज्ञ किया। इस मौके पर उपस्थिति ने स्वामी शालिग्राम व स्वर्गीय मां भागो देवी की प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित की। उधर, उपमंडल के पिल्लूखेड़ा कस्बे में गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष्य में विशेष यज्ञ हवन का आयोजन किया गया। यह आयोजन पिल्लूखेड़ा कच्चा आढ़ती एसोसिएशन ने किया जिसमें सफीदों के कांग्रेस विधायक सुभाष गांगोली ने भी भाग लिया।

स्कूल में धूमधाम से मनाया गुरु पूर्णिमा पर्व

बहादुरगढ़ (निस) : मेपल बेयर कैनेडियन स्कूल में गुरु पूर्णिमा का पर्व धूमधाम से मनाया गया। विद्यार्थियों ने अपने अध्यापकों और माता-पिता के लिए फूलों के गुलदस्ते, पोस्टर, कार्ड बना कर उनका आशीर्वाद लिया। कार्यक्रम का शुभारम्भ स्कूल की निदेशक डा. सुनीता शर्मा ने किया। उन्होंने कहा कि गुरु विद्यार्थियों को दुनिया में चलना और आगे बढ़ना सिखाते हैं।

हर व्यक्ति की जिंदगी में गुरु का विशेष महत्व होता है। उन्होंने कहा कि भारत में प्राचीन काल से ही गुरु का बड़ा महत्व है।

कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने कविताओं के माध्यम से गुरु की महिमा का गुणगान किया। कार्यक्रम में शानदार प्रस्तुति देने वाले बच्चों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।

गुरु बनना आसान लेकिन जिम्मेदारी निभाना कठिन

कनीना (निस) : आषाढ़ माह शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को ‘गुरु पूर्णिमा’ कहा जाता है। इस दिन गुरु की पूजा की जाती है। महंत लक्ष्मण गिरी गौशाला बुचावास में आयोजित हवन-पूजन समारोह में गौशाला संचालक विट्ठल गिरी महाराज ने श्रद्धालुओं से कहा कि गुरु बनना आसान है लेकिन गुरु के रूप में जिम्मेदारी निभाना बहुत कठिन है। उन्होंने कहा कि गुरु वह व्यक्ति है जो ज्ञान की गंगा बहाते हैं और हमें अज्ञानता के अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते हैं। समूचे भारत में यह पर्व बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस मौके पर दूर-दराज से आए श्रद्धालु हाजिर थे।

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