हिसार 11 जुलाई (हप्र)
गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (गुजवि) हिसार के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. सुमित सरोहा द्वारा खोजी गई नयी तकनीक हाइब्रिड फोरकास्टिंग इंजन को पेटेंट मिला है। यह तकनीक सोलर पावर फोरकास्ट तथा विंड पावर फोरकास्ट के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी खोज है। भारतीय पेटेंट एजेंसी द्वारा डॉ. सुमित सरोहा को पेटंट प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है। डॉ. सरोहा ने मंगलवार को यह प्रमाण पत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई को सौंपा।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा है कि डा. सुमित सरोहा का यह पेटेंट विश्वविद्यालय के लिए एक उपलब्धि है। इससे विश्वविद्यालय के और शिक्षकों को भी इससे प्रेरणा मिलेगी।
डा. सुमित सरोहा ने बताया कि यह पार्टिकल स्वाम ऑप्टेमाइजेशन (पीएसओ) आधारित एक न्यूरल नेटवर्क है। इससे सूर्य की विकिरण उर्जा तथा पनचक्की उर्जा को मापने के लिए पूर्वानुमान लगाया जा सकेगा। यह तकनीक पूर्वनुमान की बहुत हद तक सटीक जानकारी देगी। इस तकनीक के प्रयोग के लिए दिल्ली क्षेत्र को केंद्र बिंदू मान कर आंकड़े एकत्र किए गए।
इस तकनीक का प्रयोग करके यह पूर्वानुमान लगाया जा सकेगा कि किस स्थान पर सोलर पावर प्लांट लगाने से अधिकतम बिजली प्राप्त की जा सकती है। इस तकनीक के माध्यम से स्थान व दिशा दोनों के निर्धारण में सहायता मिलेगी। यह तकनीक सोलर प्लांट के साथ-साथ विंड प्लांट की स्थापना में भी उपयोगी है।
डॉ. सुमित सरोहा ने सुझाव दिया है कि घरेलू सोलर प्लांट भी ग्रिड से जोड़े जाने चाहिए। सोलर प्लांट की बैटरी पूरी तरह चार्ज होने के बाद प्लांट द्वारा उत्पादित बिजली बेकार चली जाती है। यदि ये प्लांट ग्रिड से जुड़े होंगे तो बिजली का पूर्ण प्रयोग किया जा सकेगा। उन्होंने घरेलू प्लांटों को आपस में एक दूसरे घरों के साथ जोडऩे का सुझाव भी दिया है।