ग्रुप-डी कर्मचारियों को मिलेगी लंबित सैलरी, विभागों को निर्देश जारी
पत्र में कहा गया है कि अब निर्णय लिया गया है कि जिन कर्मचारियों ने विभिन्न विभागों में जॉइनिंग कर ली है, उन्हें उनकी डेट ऑफ जॉइनिंग से ही पेंडिंग सैलरी दी जाए। संबंधित विभाग अपने-अपने स्तर पर भुगतान सुनिश्चित करें। विभाग ने सभी कार्यालयों को निर्देश दिया है कि संबंधित कर्मचारियों का विवरण हरियाणा कौशल रोजगार निगम पोर्टल पर दर्ज करें, क्योंकि ई-बिलिंग सिस्टम के माध्यम से सैलरी बिल वहीं से तैयार किए जाएंगे।
पत्र में कहा गया है कि डेटा दर्ज करने में किसी भी प्रकार की लापरवाही से वेतन वितरण प्रक्रिया प्रभावित होगी, इसलिए सभी विभाग समय पर जानकारी अपडेट करें। पत्र में एनपीएस (नई पेंशन स्कीम) को लेकर भी स्पष्ट किया गया है कि सरकारी आदेशों के अनुसार पीआरएएन के बिना अधिकतम दो माह की सैलरी दी जा सकती है। उसके बाद पीआरएएन नंबर अनिवार्य होगा। इसका अर्थ यह है कि नई नियुक्तियों में पहले दो माह का वेतन जारी करने में किसी प्रकार की रुकावट नहीं होगी, लेकिन तीसरे माह से पहले हर कर्मचारी का पीआरएएन नंबर सक्रिय होना चाहिए।
वित्त विभाग से मिली स्वीकृति
मानव संसाधन विभाग ने बताया कि यह आदेश वित्त विभाग की स्वीकृति से जारी किया गया है। इस निर्णय से राज्य के विभिन्न विभागों में हाल ही में नियुक्त किए गए सैकड़ों ग्रुप-डी कर्मचारियों को राहत मिलेगी, जिन्हें अब तक वेतन नहीं मिला था। पत्र में कहा है कि पेंडिंग सैलरी संबंधित विभागों द्वारा कर्मचारियों की सेवा में जॉइनिंग की तारीख से दी जाएगी। विभाग ने कहा है कि आदेश का पालन समय पर किया जाए ताकि कर्मचारियों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।