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मेडल का शतक लगाने वाली शतक पार दादी अब उड़ने को बेकरार

विदेश में खेलने के लिए गांव कादमा की 106 वर्षीय रामबाई ने बनवाया पासपोर्ट

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चरखी दादरी के गांव कादमा निवासी रामबाई परिजनों के साथ अपने घर पर मेडल व ट्राफियां दिखाती हुईं। -हप्र
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प्रदीप साहू/निस

चरखी दादरी, 12 जुलाई

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‘उड़नपरी दादी’ के नाम से विख्यात 106 वर्षीय रामबाई दौड़ में वर्ल्ड रिकार्ड बना चुकी है, वहीं चार साल के दौरान नेशनल स्तर पर अपनी प्रतिभा से मेडलों का शतक लगा चुकी है। रामबाई का कहना है कि यदि सरकार से मदद मिलती है तो वह जीवन के अंतिम पड़ाव में विदेश से स्वर्ण पदक लाने का सपना पूरा सकती है। विदेश में खेलने की तमन्ना लेकर रामबाई ने पासपोर्ट भी बनवा लिया है। बता दें कि गांव कादमा निवासी 106 वर्षीय रामबाई ने चार वर्ष पहले बुजुर्गों को दौड़ते देखा तो खेतों के कच्चे रास्तों पर दौड़ लगानी शुरू कर दी। नानी को खेतों में दौड़ते नातिन शर्मिला ने दादी की प्रतिभा को पहचाना और उसकी अच्छी तैयारी करवाते हुए खेल के मैदान में उतारा। रामबाई की मेहनत रंग लाई और पहले ही प्रयास ने स्टेट लेवल पर मेडल जीत लिया। इसके बाद से रामबाई ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और देखते ही देखते मेडलों का शतक बना दिया। दादी रामबाई ने बताया कि वह आज भी स्वस्थ्य है और अपना कार्य स्वयं करती हैं। वह खेतों के कच्चे रास्तों पर प्रेक्टिस भी करती हैं। नातिन ने उसका पासपोर्ट भी बनवा दिया है।

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