चंडीगढ़, 20 जुलाई (ट्रिन्यू)
सरकार प्रदेश के सभी बच्चों को समान एवं बेहतर शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है। हरियाणा ऐसा राज्य है, जहां गरीब विद्यार्थियों की शिक्षा को ध्यान में रखते हुए मौजूदा सत्र से कक्षा दूसरी से 12वीं तक के विद्यार्थियों को मान्यता प्राप्त प्राइवेट विद्यालयों में पढ़ने का समान अवसर प्रदान किया जा रहा है। इसी उद्देश्य से ‘मुख्यमंत्री समान शिक्षा राहत, सहायता एवं अनुदान (चिराग)’ योजना शुरू की है।
मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि प्रदेश के इस बार के बजट में 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक अकेले शिक्षा के क्षेत्र पर खर्च किए जा रहे हैं। चिराग योजना गरीब अभिभावकों के बच्चों के लिए शुरू की गई ऐसी ही योजनाओं में से एक है। योजना के तहत निजी विद्यालयों की सहमति से गरीब परिवारों के बच्चों के दाखिले किए जाएंगे।
पुस्तकें, स्टेशनरी मिल रही निशुल्क
कक्षा पहली से आठवीं तक वर्दी, पाठ्य-पुस्तकें, कार्य पुस्तकें, स्टेशनरी, स्कूल बैग एवं दोपहर का भोजन निशुल्क उपलब्ध करवाया जा रहा है। अंग्रेजी माध्यम के बैग फ्री संस्कृति मॉडल विद्यालयों में ऐसे सभी विद्यार्थियों जिनके जिनके माता-पिता/अभिभावकों की वार्षिक सत्यापित आय 1 लाख 80 हजार रूपये से कम है उनके लिए भी निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था है। 1 लाख 80 हजार रूपये से ऊपर की सालाना आमदन वाले परिवारों के बच्चों से नाममात्र मासिक अंशदान लिया जाता है।
यह राशि मिलेगी
मुख्यमंत्री ने बताया कि चिराग योजना के तहत कक्षा दूसरी से पांचवीं तक प्रति छात्र 700 रुपये, कक्षा छठी से आठवीं तक प्रति छात्र 900 रुपये एवं कक्षा नौवीं से बारहवीं तक प्रति छात्र 1100 रुपये प्रति माह की दर से प्रतिपूर्ति राशि या फार्म 6 में घोषित शुल्क राशि, जो भी कम होगी, वह विद्यालयों को अदा की जाएगी। योजना के तहत प्रदेश के 381 निजी मान्यता प्राप्त विद्यालयों द्वारा 24987 सीटों पर छात्रों को दाखिले देने की प्रक्रिया जारी है।