शाहाबाद मारकंडा, 21 जुलाई (निस)
भारतीय किसान यूनियन चढूनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि सरकार ने एमएसपी पर जो कमेटी गठित की है वह उन्हें अस्वीकार करते हैं और वे इसका बहिष्कार करते हैं। संयुक्त किसान मोर्चा से जो 3 नाम मांगें गए हैं, वह भी हम नहीं देंगे और इसको लेकर भावी रणनीति संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में बनाई जाएगी। चढूनी ने कहा कि सरकार ने अपनी ओर से इसमें जो 37 सदस्य शामिल किए हैं, वह सरकारी एजेंट हैं जो पहले भी कृषि कानूनों का विरोध करते रहे हैं। यह कमेटी सिर्फ ध्यान भटकाने के लिए है। सरकार का वादा मात्र एमएसपी पर कमेटी बनाने का था लेकिन सरकार ने इसमें अन्य मुद्दे भी जोड़ दिए हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार की नीयत खोटी है। कमेटी में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, यूपी, उत्तराखंड के कृषि विश्वविद्यालयों से कोई प्रतिनिधि नहीं लिए और चार सरकारों के प्रतिनिधि लिए हैं उनमें इन आंदोलनकारी प्रदेशों से कोई प्रतिनिधि नहीं लिया गया है।
मुश्तरका जमीन छीनने के मामले में 25 से आंदोलन
गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि सरकार मुश्तरका जमीनें छीन रही है, जिसको लेकर भाकियू चढूनी एक बड़ा आंदोलन शुरू कर रही है। प्रथम चरण में 25 जुलाई को हरियाणा की सभी तहसीलों में जहां मुश्तरका जमीनें हैं, तहसीलदारों को ज्ञापन दिए जाएंगे। दूसरे चरण में 25 अगस्त को पिपली में महापंचायत में घोषणा की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसान नेताओं को सुरक्षा मुहैया करवाना तो दूर सरकार ने उनका 15 वर्ष पुराना 4 प्रदेशों का आर्म्स लाइसेंस रद्द कर दिया। बेहतर होगा कि सरकार संयुक्त किसान मोर्चा के सभी नेताओं, विशेष तौर पर कमेटी के शीर्ष सभी 9 सदस्यों को न सिर्फ शस्त्र लाइसेंस मुहैया करवाए अपितु उनकी सुरक्षा भी रिव्यू करे और मजबूत बनाए।