चंडीगढ़, 26 जून (ट्रिन्यू)
हरियाणा सरकार झज्जर के बेरी में स्थित महाभारतकालीन माता भीमेश्वरी देवी मंदिर का संचालन अपने हाथों में लेने की तैयारी में है।
मंत्रिमंडल की सोमवार को होने वाली बैठक में मंदिर का संचालन प्रदेश सरकार के अधीन किए जाने के प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है। इसके अलावा सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल के उस प्रस्ताव को अब मंजूरी देने का निर्णय लिया है, जिसमें सात कनाल आठ मरला जमीन बाबा श्याम खाटू के नाम पर बनने वाली धर्मशाला व वृद्धाश्रम को दिया जाना प्रस्तावित था।
मंत्रिमंडल की सोमवार को सुबह 11 बजे सचिवालय में होने वाली बैठक में 8 साल बाद हुड्डा सरकार के इस फैसले को अमल में लाया जा सकता है। जानकारी के अनुसार यह जमीन पशुपालन विभाग की है। सात अगस्त 2014 को हुई हुड्डा मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लिया गया था कि धर्मशाला व वृद्धाश्रम के लिये सात कनाल आठ मरला जमीन बीर बाबरान विकास ट्रस्ट हिसार को दी जाएगी। उसके बाद विधानसभा चुनाव हुए और हुड्डा सरकार चली गई तथा भाजपा सरकार आ गई। तब से यह प्रस्ताव अधर में लटका हुआ था। अब सोमवार की बैठक में इस प्रस्ताव को नए सिरे से पेश किया जाएगा, जिसमें यह बदलाव किया गया है कि पहले जो जमीन बीर बाबरान विकास ट्रस्ट हिसार को दी जाने वाली थी, अब उसे श्याम बाबा खाटू मंदिर ट्रस्ट को प्रदान किया जा सकता है। इसी तरह, बेरी के सुप्रसिद्ध प्राचीन माता भीमेश्वरी देवी मंदिर का अधिगृहण सरकार मंत्रिमंडल की बैठक में करेगी।
हर वर्ष पहुंचते हैं लाखों श्रद्धालु : बेरी में वर्ष में दो बार लगने वाले मेले में प्रदेश ही नहीं, बल्कि दूरदराज से लाखों भक्त पहुंचते हैं। मान्यता है कि मां भीमेश्वरी देवी की अनुकंपा का ऐसा असर है कि सच्चे मन से मंगल कामना करने पर यह पूरी होती है। बेरी कस्बा महाभारत कालीन है। कौरव व पांडवों की कुलदेवी हिंगलाज पर्वत, जो अब पाकिस्तान में है, उस पर निवास करती थीं। महाभारत युद्ध को देखते हुए कुंती ने भीम को पहले कुलदेवी का आशीर्वाद लेने के लिए भेजा था।
सिविल सर्विस रूल्स में होगा बदलाव
हरियाणा मंत्रिमंडल की सोमवार को सचिवालय में होने वाली बैठक में 19 एजेंडों पर चर्चा होगी। इनमें से करीब एक दर्जन एजेंडे जमीनों की अदला-बदली के हैं। इसके अलावा राज्य सरकार हरियाणा सिविल सर्विस (लीव) रूल्स 2016 में बदलाव को मंजूरी मिलेगी। बैठक में कैग की रिपोर्ट और बोर्ड एवं निगमों की रिपोर्ट को भी मंजूरी प्रदान की जाएगी।