चंडीगढ़, 17 जून (ट्रिन्यू)
हरियाणा में सरकार इलैक्टि्रक वाहनों के साथ अब खेती में इस्तेमाल होने वाले ट्रैक्टरों को भी ई-ट्रैक्टर से बदलेगी। ई-ट्रैक्टरों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार इसकी खरीद करने वाले किसानों को सब्सिडी मिलेगी। ट्रैक्टर की कुल लागत का 25 प्रतिशत पैसा सरकार वहन करेगी। यह योजना पहले 600 ट्रैक्टरों के लिए होगी। इसके लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
आवेदन के लिए कृषि विभाग द्वारा 30 सितंबर को पोर्टल खोला जाएगा। प्रदेश में इलैक्टि्रक वाहन निर्माता कंपनियों को भी सरकार प्रोत्साहित करेगी। डिप्टी सीएम दुष्यंत सिंह चौटाला ने गत दिवस इसके लिए विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ ऑनलाइन बैठक भी की थी। इसी दौरान ई-ट्रैक्टर को लेकर भी चर्चा हुई। इसे आगे बढ़ाते हुए सीएम ने कहा कि ई-ट्रैक्टर खरीद को बढ़ावा दिया जाएगा।
बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ में पूरी कैबिनेट के साथ मीडिया से मुखातिब हुए सीएम ने कहा कि पहले 600 किसानों को ई-ट्रैक्टर की खरीद पर 25 प्रतिशत पैसा सरकार देगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन करने वाले किसानों की संख्या अगर 600 से अधिक हुई तो फिर ड्रा के जरिये सब्सिडी का फैसला होगा।
माइक्रो इरिगेशन के साथ ट्यूबवेल कनेक्शन
विपक्षी दलों द्वारा ट्यूबवेल कनेक्शन देने में गड़बड़ करने के आरोपों पर पलटवार करते हुए सीएम ने कहा कि सरकार ने ट्यूबवेल कनेक्शन खोल दिए हैं। 100 फुट से नीचे भूमिगत जलस्तर होने पर माइक्रो इरिगेशन प्रोजेक्ट लेना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कह माइक्रो इरिगेशन से फसलों के उत्पादन पर कोई असर नहीं पड़ता। इससे पानी बचता है।
पंजाब ने उलझाया एसवाईएल का मुद्दा
पंजाब को एसवाईएल मुद्दा उलझाने के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए खट्टर ने कहा है कि एसवाईएल का पानी हरियाणा की जरूरत है। हरियाणा के सामने जल संकट लगातार बढ़ता जा रहा है। हरियाणा ने एसवाईएल की लड़ाई को मजबूती के साथ लड़ा और सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के हक में फैसला सुनाया। पंजाब इस फैसले को लागू करने से पीछे हट गया। अब केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करवाने के लिए प्रयास कर रही है।