कैथल, 19 जुलाई (हप्र)
किसानों की मुश्तरका मालिकान जमीन पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के विरोध में किसानों की एक सभा गुरद्वारा छठी एवं नौवीं पातशाही के चीका के लंगर हाल में बुलाई गई।
इस सभा में मुख्य वक्ता के रूप में भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी पहुंचे। गुरनाम सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि मुश्तरका मालिकान जमीनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला किसानों के खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसानों के खातों से छूटी जमीन लाखों एकड़ में है। हर गांव में कई एकड़ जमीन खाली है, जो सरकार को जा रही है। उन्होंने कहा कि 60 वर्ष से अधिक समय से इस जमीन पर किसान खेती करते आ रहे हैं। चढ़ूनी ने कहा कि काफी किसानों ने इस जमीन को अपने नाम करवा आगे बेच दिया है व बहुत सारे किसानों ने इस भूमि पर बैंकों से लोन ले रखे हैं। कई जगह एक मुश्तकरा भूमि पर कॉलोनियां काटकर बेच दी गई हैं। चढ़ूनी ने कहा कि दो वर्षों से सरकार भूमि बैंक बना रही है। सरकार किसानों की इन जमीनों को लेकर बड़ी कंपनियों को लीज पर देने की फिराक में है। चढ़ूनी ने कहा कि यदि सरकार अपनी मंशा में कामयाब हो गई तो फिर प्रदेश में केवल 5 से 10 एकड़ वाले किसान ही देखने को मिलेंगे। चढ़ूनी ने मांग करते हुए कहा कि सरकार प्रदेशभर की मुश्तरका भूमि का मालिकान हक किसानों को ही दें। उन्होंने कहा कि सरकार लैंड बैंक की जमीनों को कारपोरेट कंपनियों को खेती के लिए देगी तो छोटे किसान पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगे।
गांव में मुश्तरका खाता, पट्टी खाता जैसी करीब आठ तरह की ऐसी भूमि है, जिसका मालिकाना हक किसी के पास नहीं है। सरकार ने ऐसी जमीन अपने अधीन लेने के प्रयास शुरू किये हैं। चढ़ूनी ने कहा कि ऐसी भूमि का अधिग्रहण करने आने वाले अधिकारियों का किसान डटकर विरोध करें।
चढ़ूनी ने कहा कि सरकार रद्द किए गए तीनों कृषि कानूनों को पिछले दरवाजे से दोबारा से लागू कर रही है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले मंडिया खत्म होंगी और अनाज को सीधा कंपनियों के गोदामों में भेजा जाएगा।
वहीं, लैंड बैंक प्लानिंग के तहत सरकार कृषि क्षेत्र में प्राइवेट कंपनियों को उतारेगी। लैंड बैंक में जमा की गई जमीन पर कारपोरेट कंपनियां मन मुताबिक तरीके से खेती करेंगी, जिनके मुकाबले छोटे किसान टिक नहीं पाएंगे।
जमीनों को बचाने के लिए एकजुट होना पड़ेगा
जमीनों को बचाने के लिए किसानों को एकजुट होना पड़ेगा। इसको लेकर 25 जुलाई को प्रदेश में तहसील स्तर पर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिए जाएंगे व 25 अगस्त को पीपली अनाज मंडी में किसानों की रैली का आयोजन किया जाएगा। इसी रैली से सरकार के खिलाफ आंदोलन का बिगुल बजाया जाएगा। सभा में प्रदेश उपाध्यक्ष सुभाष भागल, जिला उपाध्यक्ष केवल सिंह सदरहेडी, जरनैल सिंह जैली, साहब सिंह संधू, गुरपाल गगड़पुर, पूर्व सरपंच गुरदीप सिंह, जोगिंदर सिंह, मलकीत सिंह दाबा, गुरबचन सिंह हरिगढ़ किंगन, महावीर सिंह नरड, रतन भागल, जसपाल सिंह उर्फ पाली, गुरजंट टटियाना, किन्दर ठेकेदार, संदीप संधू पीडल सहित सैकड़ों किसान मौजूद रहे।