गीतांजलि गायत्री/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 7 सितंबर
हरियाणा में अवैध खनन पर कार्रवाई के लगभग दो महीने बाद जैसे ही सरकारी तंत्र में सुस्ती आई, खनन माफिया फिर सक्रिय हो गए हैं। हरियाणा के नूंह खनन का काम रफ्तार पकड़ चुका है, भले ही यह ‘गुपचुप’ तरीके से हो रहा हो। राजस्थान की सीमा से लगे नूंह के फिरोजपुर झिरका के बदेर गांव में रोज पांच मशीनें नो-माइनिंग जोन अरावली में अवैध रूप से पत्थर निकाल रही हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि कड़ी निगरानी के कारण महीनेभर से अधिक समय तक अवैध खनन रुका हुआ था, लेकिन धीरे-धीरे यह फिर शुरू हो गया। एक ग्रामीण ने कहा, ‘यह उल्लंघन यूं ही नहीं हो रहा होगा। जेबें गरम की जा रही होंगी। अरावली से स्थानीय क्रशर तक पत्थर लाए जा रहे हैं।’ इस इलाके का जब हमने दौरा किया तो पाया कि वहां एक ड्रिलिंग मशीन और विस्फोटक भी मौजूद थे। एक अन्य ग्रामीण ने कहा, ‘सरपंच और अन्य ग्रामीणों को इसके बारे में पता है, लेकिन यह हमारी आजीविका का स्रोत है।’ गौर हो कि इस साल जुलाई में अवैध रूप से पत्थर ले जा रहे एक डंपर ने हरियाणा पुलिस के एक डीएसपी को कुचलकर मार दिया था। इसके बाद सरकार ने स्टोन क्रशर और इसमें जुड़े अन्य लोगों पर छापेमारी की थी। कई वाहनों को जब्त किया गया था। संवेदनशील इलाकों में निगरानी का एक असर यह भी हुआ कि यमुनानगर, फरीदाबाद, महेंद्रगढ़ जैसे इलाकों में भी गतिविधियां जोर पकड़ने लगीं। बेशक, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पिछले महीने विधानसभा में कहा था कि स्टोन क्रशर पर छापेमारी से स्टॉक और बिलों में अंतर दिखा है, इस पर कार्रवाई जारी है, लेकिन अधिकारी महज निरीक्षण ही कर रहे हैं। उधर, फरीदाबाद के मंगर गांव के निवासी सुनील हरसाना कहते हैं, ‘ऐसी गतिविधियों में शायद ही कोई कमी हो क्योंकि अवैध खनन के खिलाफ अभियान केवल कागजों पर है।’