तरुण जैन/निस
रेवाड़ी, 9 जनवरी
केंद्र सरकार के साथ वार्ता विफल रहने के बाद कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-जयपुर हाईवे स्थित रेवाड़ी के राजस्थान बॉर्डर जयसिंहपुर खेड़ा पर विभिन्न राज्यों से आने वाले किसानों का जमावड़ा बढ़ता जा रहा है। साथ ही हाईवे के बीच में कंटेनर रखकर पुलिस ने रोड को पूरी तरह से ब्लॉक कर दिया है। इन कंटेनरों पर चढ़कर सुरक्षाकर्मी राजस्थान सीमा में डेरा डाले बैठे किसानों पर नजर भी बनाए हुए हैं। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए इन सुरक्षाकर्मियों के पास आंसू गैस के गोले भी हैं।
वहीं किसान नेताओं ने अब दिल्ली कूच के लिए अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। शनिवार को बॉर्डर पर पर्यावरणविद् व नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटेकर भी पहुंचीं। उन्होंने कहा कि वे किसानों के दर्द को महसूस करते हुए सैकड़ों किलोमीटर दूर से चलकर इनके बीच आई हैं। भीषण ठंड में आंदोलन कर रहे इन किसानों के प्रति सरकार को सहानुभूति दिखानी चाहिए और कानूनों को वापस लेकर किसानों के घर लौटने का मार्ग तैयार करना चाहिए।
हाईवे के साबी पुल (मसानी बैराज) पर भी सैकड़ों किसानों ने पड़ाव डाला हुआ है। यहां अन्य राज्यों से पहुंच रहे किसान नेता लगातार आंदोलन को तेज करने का इशारा कर रहे हैं। यहां जाट महासभा राजस्थान के अध्यक्ष राजाराम मील भी पहुंचे। उन्होंने कहा कि किसानों की एकता व संगठित शक्ति के आगे सरकार को देर-सवेर झुकना पड़ेगा। केंद्रीय नेतृत्व का इशारा मिलते ही हमें दिल्ली कूच करना है। इस धरने पर खोड़ (पटौदी) से मंजीत ठाकरान किसानों के साथ पहुंचे और प्रोत्साहित किया। साबी पुल के पास भारतीय किसान यूनियन के नेता रामकिशन महलावत के नेतृत्व में किसान डटे हुए हैं। इनमें बावल के लोगों भी बड़ी संख्या है।