अम्बाला शहर, 16 मई (हप्र)
आज हरियाणा अनुसूचित जाति राजकीय अध्यापक संघ जिला अम्बाला के बैनर तले अनुसूचित जाति वर्ग के अध्यापकों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों व बेरोजगार युवाओं ने अपनी संवैधानिक मांगों को लेकर आक्रोश प्रदर्शन किया। बाद में मुख्यमंत्री के नाम उपायुक्त को एक ज्ञापन सौंपा।
आक्रोश प्रदर्शन की अध्यक्षता जिला प्रधान रविंद्र नरवाल व मंच संचालन जिला सचिव सुभाष चन्द ने किया। महात्मा बुद्ध की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर प्रदर्शन को संबोधित करते हुए जिला प्रधान रविंद्र नरवाल ने आरोप लगाया कि सरकार नई शिक्षा नीति, प्ले स्कूलों व मॉडल स्कूलों की आड़ में सरकारी स्कूलों व शिक्षा का निजीकरण कर रही है। इससे नौकरी का इंतजार व तैयारी कर रहे युवाओं के लिए सरकारी नौकरी एक सपना बनकर रह जाएगी। उन्होंने मांग की कि सरकार शिक्षा, स्कूलों व अन्य सभी विभागों का निजीकरण करना बंद करे।
जिला सचिव सुभाष चंद ने मांग की कि अन्य राज्यों की तरह हरियाणा सरकार भी प्रथम व द्वितीय श्रेणी की पदोन्नति में आरक्षण लागू करे। ताकि इस समाज का सरकारी विभागों में प्रतिनिधित्व पूरा किया जा सके। जिला कोषाध्यक्ष वीरेंद्र कुमार ने कहा कि हरियाणा में अनुसूचित जाति के खाली पड़े 40 हजार के बैकलाग को विशेष भर्ती के द्वारा शीघ्र पूरा किया जाए। जिला संगठन सचिव निर्मल केसरी ने मांग की कि सरकार कौशल रोजगार निगम पोर्टल व आउटसोर्सिंग नीति को बंद करे क्योंकि यह सरकार की बैकडोर एंट्री है। इसमें अनुसूचित व पिछड़ी जाति के लिए आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है। जिला वरिष्ठ उपप्रधान निर्मल साहा ने कहा कि हरियाणा सरकार एचएसएससी के होते हुए एनजीओ के माध्यम से भर्ती करने के करार को रद करे। खंड अम्बाला शहर के प्रधान सुशील कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का आधारभूत ढांचा दुरुस्त किया जाए। आक्रोश प्रदर्शन को भूपेंद्र सिंह, तरुण कुमार, लहरी सिंह, मनोज कुमार, संजीव कुमार, रवि कुमार, संदीप सिंह, राम जगत, लव कुमार, अनिल कुमार, बनारसी दास, संजीव कुमार्र, बलवंत सिंह प्रधान रोडवेज यूनियन, कमल बराड़ा, धर्म वीर आदि ने भी संबोधित किया। मौके पर सैकड़ों प्रदर्शनकारी मौजूद रहे।