हिसार, 23 अप्रैल (हप्र)
किसान सभा के जिला प्रधान शमशेर सिंह नंबरदार व तहसील प्रधान सूबे सिंह बूरा ने मंगलवार को कहा कि सरकार के इशारे पर जिला प्रशासन किसान नेताओं को घरों से गिरफ्तार करके झूठे मुकदमे बनाना बंद करे अन्यथा किसान सभा इसका डटकर विरोध करेगी। किसान नेताओं ने कहा कि 11 अप्रैल को किसान नारनौंद की जाट धर्मशाला में व 10 अप्रैल को कैमरी गांव में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के आगमन पर उनसे अपनी बात कहने के लिए गए थे, परंतु पुलिस प्रशासन ने किसानों को गिरफ्तार कर लिया लेकिन बाद में रिहा कर दिया।
अब इसी मामले में पुलिस ने एसडीएम कोर्ट में केस दायर कर दिया है, जिसके आधार पर एसडीएम ने सभी किसानों को नोटिस जारी कर अदालत में पेश होने के आदेश दिए हैं।
किसान नेताओं ने कहा कि वर्ष 2019 में भाजपा ने किसानों और मजदूरों को आश्वासन दिया था कि किसान कर्ज मुक्त होंगे, किसानों के बच्चों को रोजगार दिया जाएगा, बुढ़ापा पेंशन 5100 रुपये होगी, एमएसपी पर फसल खरीद की गारंटी, किसानों को 15 लाख रुपए दिए जाएंगे। इसके ठीक विपरीत किसानों की भूमि अधिग्रहण करके जमीन धनाढ्य लोगों को देने का कानून बनाया, किसान आंदोलन में 750 किसानों की शहादत हुई, कोई एमएसपी नहीं मिला, किसानों को फसल बेचने के लिए पोर्टल व्यवस्था लागू कर दी जो कभी खुला ही नहीं, सेना को अग्निवीर के नाम से खत्म करना, रेल, जहाज, शिक्षा, कोयला देश के अन्य खनिज बड़े-बड़े उद्योगपतियों को देना। इन सभी मांगों का जवाब आज इस प्रदेश में देश की जनता भाजपा सरकार से मांग रही है।
मांगों को किया जा रहा दरकिनार
तहसील प्रधान सूबे सिंह बूरा व सचिव रमेश मिरकां ने कहा कि वर्तमान सरकार किसानों की मांगों को दरकिनार करके केवल चुनावी जुमले छोड़ रही है। किसान सभा प्रत्येक राष्ट्रीय दलों के लोकसभा प्रत्याशियों से गांव के चौक में उनके घोषणा पत्र पर किसानों और मजदूरों की समस्याओं और रोजगार पर खुली बहस करेगी व पिछले घोषणा पत्र पर जवाब मांगेंगे। किसान सभा किसानों व मजदूरों के हकों की लड़ाई लड़ती रहेगी। सरकार की किसी धमकी या दबाव में आकर पीछे नहीं हटेगी। किसान सभा संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में जिले के प्रत्येक गांव में सभाएं करेगी।