अम्बाला शहर, 20 मई (हप्र)
सोने-चांदी के आभूषणों में 14 कैरेट, 18 कैरेट और 22 कैरेट की हॉल-मार्किंग 1 जून 2021 से अनिवार्य होने के कारण सर्राफा व्यापारी परेशान होकर रह गए हैं। सर्राफा ट्रेडर्ज एंड मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन अम्बाला के संरक्षक मदन लाल वर्मा तथा प्रधान रजिंदर परमार ने बताया कि कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण पिछले लगभग 15-16 महीनों से सर्राफा कारोबार पर बुरा प्रभाव पड़ा है। इसके कारण सर्राफा व्यवसायियों की आर्थिक व्यवस्था चरमरा गई है। ऐसे में हॉल-मार्किंग कानून को 1 जून 2021 से अनिवार्य कर देना उन पर कुठाराघात होगा। एसोसिएशन के प्रधान राजिंदर कुमार ने कहा कि 741 जिलों में से सरकार द्वारा अधिकृत हॉलमार्किंग सेंटर अभी केवल 250 जिलों में लगे पाए हैं । ऐसे में सरकार पहले सभी जिलों में हॉल-मार्किंग सेंटर लगाए, उसके बाद इन कानूनों को लागू करे। बेशक सोना आभूषण कारीगर हों या आर्टिशन को हॉलमार्किंग का लाइसेंस लेने की आवश्यकता नहीं है परन्तु उसको कागजी कार्रवाई तो पूरे ही करनी ही पड़ेगी। इसमें भी कारीगर पूर्णतया सक्षम नहीं हैं। उन्होंने मांग की कि सरकार को चाहिए कि वह विभिन्न जिलों की सर्राफा एसोसिएशनों से इस समस्या का कोई समुचित हल निकाले तथा अगले 2 वर्ष तक सोने-चांदी के आभूषणों में हाल मार्किंग की अनिवार्यता को लागू न किया जाए।