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धान के किसानों को बोनस दे सरकार, 3100 के वादे को करे पूरा : हुड्डा

कहा- किसान निजी एजेंसियों के हाथों लुटने को हो रहे मजबूर

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पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा।
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पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आरोप लगाया है कि भाजपा लगातार किसानों के साथ धोखा कर रही है। सरकार ने 22 सितंबर से धान की खरीद शुरू करने की घोषणा की थी, लेकिन कई दिनों से किसान मंडियों में खरीद एजेंसियों का इंतजार कर रहे हैं। इसके बावजूद, खरीद शुरू नहीं हो रही है। इस स्थिति के कारण किसान निजी एजेंसियों के हाथों लुटने को मजबूर हैं।

मंडियों में धान, बाजरा और कपास की आवक शुरू हो गई है। लेकिन सरकारी खरीद नहीं होने के चलते किसानों को एमएसपी से 300-400 कम रेट पर धान, करीब 600 रुपये कम रेट पर बाजारा और करीब 2000 कम रेट पर अपनी कपास बेचनी पड़ रही है। बाढ़ की मार के बाद अब किसान सरकार की मार झेलने को मजबूर हैं।

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हुड्डा ने बताया कि एकाध जगह सरकार द्वारा धान की खरीद में प्रति क्विंटल 150 से 200 रुपये तक का कट लगाया जा रहा है, जबकि किसान पहले ही बाढ़ की मार झेल रहे हैं। ऐसी परिस्थितियों में सरकार को बोनस देकर किसानों की मदद करनी चाहिए थी, लेकिन इसके उलट सरकार कट लगा कर किसानों के साथ अन्याय कर रही है।

उन्होंने याद दिलाया कि बीजेपी ने चुनाव से पहले धान का मूल्य 3100 रुपये प्रति क्विंटल देने का वादा किया था। पिछले सीजन में सरकार इस वादे को पूरा करने में विफल रही। हुड्डा ने कहा कि यदि बीजेपी अपने वचनों के प्रति जरा भी गंभीर है, तो इस मुश्किल समय में कम से कम इस वादे को पूरा करके किसानों का साथ देना चाहिए।

इसके साथ ही, भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मार्केट फीस को 4% से घटाकर 1% करने की मांग दोहराई। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में कम मार्केट फीस के कारण हरियाणा से चावल मिल मालिकों का पलायन हो रहा है। इसके बावजूद, सरकार न तो इस पलायन को रोकने के लिए कोई प्रयास कर रही है और न ही मिल मालिकों को कोई राहत दे रही है। इसका खामियाजा पूरे प्रदेश को भुगतना पड़ रहा है।

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