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धान की समय पर खरीद और उठान सुनिश्चित करे सरकार : सैलजा

कहा : केवल 3.77 लाख मीट्रिक टन की ही खरीद हुई
कुमारी सैलजा। -फाइल फोटो
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पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा सांसद कुमारी सैलजा ने प्रदेश की मंडियों में पड़े लाखों टन धान के उठान में देरी और मौसम विभाग की ओर से आगामी दिनों में वर्षा की संभावना को देखते हुए गहरी चिंता व्यक्त की है। इस समय मंडियों में लगभग चार लाख टन धान खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ है, जिस पर बारिश का सीधा असर पड़ सकता है। किसानों की मेहनत और लागत तो छोड़िए जमीन का खर्चा भी कर्जा बनकर किसानों को सता रहा है।

सैलजा ने कहा कि प्रदेश की मंडियों में अब तक लगभग 5.30 लाख मीट्रिक टन धान पहुंचा है, जिसमें से केवल 3.77 लाख मीट्रिक टन की ही खरीद हुई है। चिंताजनक बात यह है कि खरीदे गए धान का भी केवल 89 हजार मीट्रिक टन ही मंडियों से उठान हो पाया है। इस समय मंडियों में लगभग चार लाख टन धान खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ है, जिस पर बारिश का सीधा असर पड़ सकता है।

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इतना ही नहीं, धान में अधिक नमी बताकर किसानों को परेशान किया जा रहा है मजबूरी में किसान ओने पोने दाम में प्राइवेट एजेंसियों को धान बेचकर जा रहे हैं। सांसद ने कहा कि किसानों की मेहनत से उपजा हुआ धान मंडियों में खुले में खराब होने का खतरा झेल रहा है। अगर समय पर उठान व भंडारण की व्यवस्था नहीं की गई तो बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह स्थिति प्रदेश सरकार की लापरवाही और अव्यवस्था को उजागर करती है।

सैलजा ने मांग की है कि मंडियों से खरीदे गए धान का तुरंत उठान सुनिश्चित किया जाए, मंडियों में पड़े धान को बारिश से बचाने के लिए तिरपाल व सुरक्षित भंडारण की व्यवस्था की जाए, किसानों को भुगतान समय पर दिया जाए और प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए और जिन जिलों में खरीद प्रक्रिया धीमी है, वहां अतिरिक्त स्टाफ व संसाधन तैनात किए जाएं। किसानों की उपज उनकी साल भर की मेहनत का परिणाम होती है।

 

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