फरीदाबाद, 16 सितंबर (हप्र)
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने आरोप लगाया कि सरकार कोरोना की आड़ में जनता के खून-पसीने से खड़े किए गए सरकारी विभागों एवं उपक्रमों को बेच रही है। बिना तैयारी और विशेषज्ञों से सलाह लिए बिना लागू की गई तालाबंदी से बेरोजगारी व कोरोना बेकाबू हो गया है और जीडीपी माइनस 24 प्रतिशत तक पहुंच गई है। उन्होंने यह आरोप बुधवार को सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा की जिला कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए लगाए।
कार्यकारिणी को संबोधित करते हुए उन्होंने ऐलान किया की केन्द्र एवं राज्य सरकार की जनविरोधी और कर्मचारी एवं मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ देशभर के कर्मचारी 29 सितंबर को सड़तों पर उतरेंगे और सभी विभागों एवं जिला मुख्यालयों पर आक्रोश प्रदर्शन करेंगे। मीटिंग की अध्यक्षता कोषाध्यक्ष युद्धवीर सिंह खत्री ने की और संचालन सचिव बलबीर सिंह बालगुहेर ने किया।
रेलवे निजीकरण के विरोध में यूनियन ने चलाया जनजागरण अभियान
जींद (हप्र) : रेलवे के निजीकरण और निगमीकरण करने के विरोध में नॉर्दर्न रेलवे मेन्स यूनियन ने जनजागरण अभियान चलाया। बुधवार को रेलवे जंक्शन पर आयोजित कार्यक्रम में एनआरएमयू के शाखा अध्यक्ष राजबीर सिंह और शाखा सचिव सुरेन्द्र छोकर ने कहा कि भारत सरकार रेलवे के निजीकरण और निगमीकरण करने पर अड़ी हुई है। रेलवे के निजीकरण से आम उपभोक्ता के साथ रेलवे कर्मचारी को क्या हानि होने वाली है, इसके लिये जन जागरण अभियान चलाया गया है। रेलवे द्वारा 35 हजार करोड़ की सब्सिडी हर वर्ष सीनियर सिटीजन और अन्य जरूरमंदों को दी जाती है जो निजीकरण के बाद बंद कर दी जाएगी। संविधान की धारा 21, 37, 38, 39 व 300 में यह प्रावधान किया गया था कि किसी सरकारी विभाग को निजी क्षेत्र का हिस्सा नहीं बनाया जाएगा। निजीकरण से रेलवे में कार्यरत 12 लाख कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। इसमें सेवा की कोई गारंटी नहीं होगी और अगर मुनाफा हुआ तो कंपनी रहेगी अन्यथा रफूचक्कर हो जाएगी।