गुरुग्राम, 18 मार्च (हप्र)
फर्जी दस्तावेजों के सहारे सरकारी ग्रांट हासिल करने के मामले में पुलिस ने कल एफआईआर दर्ज की है। प्राथमिक जांच में ऐसी 9 ग्रांट सामने आई हैं जिन्हें गलत तरीके से बांटा गया। सभी आरोपी पूर्व राज्यमंत्री सुखबीर कटारिया के करीबी हैं। एफआईआर ओमप्रकाश कटारिया के बयान पर सेक्टर-14 में दर्ज की गई है।
वर्ष-2009 से 2014 तक कांग्रेस सरकार में मंत्री के पद पर रहते हुए स्वैच्छिक कोटे से करीबी अपात्रों को सरकारी पैसा रेवड़ी की तरह बांटने के आरोपों में सुखबीर कटारिया फिर घिर गए हैं। ये ग्रांट सरकार की विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से दी गई थी, ऐसे में पुलिस जांच के दौरान इन विभागों के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की बात कही जा रही है। कुछ समय पहले डीसी को दी शिकायत में ओमप्रकाश कटारिया ने आरोप लगाया कि सरकारी पैसा ग्रांट के तौर पर साजिश के तहत अपात्रों को दे दिया गया। इसमें उन्होंने 9 मदों में दी गई ग्रांट को प्रमाण के तौर पर संग्लन करते हुए इन्हें गलत बताया। जांच में इन ग्रांट्स के गलत तरीके से हासिल करने की पुष्टि हुई। इसके बाद यह मामला पुलिस के पास एफआईआर दर्ज करने के लिए भेजा गया। 3 महीने बाद आखिरकार सेक्टर-14 थाना पुलिस ने इस संबंध में एफआईआर दर्ज कर ली है।
एक मकान के पत्ाे पर कई ग्रांट जारी
आरोप है कि एक मकान के पते पर अलग-अलग लोगों को अलग-अलग मदों में ग्रांट जारी कर दी गई। राजीव नगर स्थित इस मकान के पत्ते पर बलजीत सिंह के नाम से पहले एक लाख, फिर तीन लाख रुपये जारी कर दिए गए। इसी मकान को अरविंद का बताते हुए 50 हजार रुपये कम्प्यूटर खरीदने के लिए दे दिए गए। तीन लाख रुपये सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने लिए तथा इसी मकान में एक कथित समिति के नाम पर 14 लाख रुपये फर्नीचर खरीदने, स्पोटर्स का सामान खरीदने सहित कई दूसरे कार्यों के लिए जारी कर दिए गए। इसके अलावा 8 बिस्वां, गुड़गांव गांव के रहने वाले जयप्रकाश को गरीब बताते हुए कपड़े खरीदने के लिए 51 हजार, यहीं की रहने वाली ओमवती को गरीब बताकर दवाई व कपड़े खरीदने के लिए 3 लाख 40 हजार रुपये, 12 बिस्वां गुड़गांव की रहने वाली पुष्पा को मकान की मरम्मत करवाने के लिए साढ़े 3 लाख, राजीव नगर की रहने वाली सुमन को गरीब होने के कारण घर की मरम्मत करवाने के लिए 3 लाख रुपये की ग्रांट जारी करने का आरोप है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि सभी आरोपियों का सीधे तौर पर पूर्व राज्यमंत्री सुखबीर कटारिया से संबंध है। उन्होंने साजिश के तहत सरकारी पैसे को करीबियों को बांट दिया।