बाढ़ से निपटने के लिए सरकार तत्पर : सुमिता मिश्रा
वित्त आयुक्त (राजस्व) डॉ़ सुमिता मिश्रा ने कहा कि हरियाणा सरकार राज्य में लगातार हो रही भारी बारिश और उससे उत्पन्न बाढ़ जैसी स्थिति पर कड़ी नज़र रखे हुए है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी स्वयं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हालात की समीक्षा कर रहे हैं और जीवन व आजीविका की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।
डॉ़ मिश्रा ने शुक्रवार को यहां बताया कि इस मानसून सीजन में हरियाणा में सामान्य से 48 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। फतेहाबाद, झज्जर, कुरुक्षेत्र और महेंद्रगढ़ जैसे जिलों में सामान्य से कहीं अधिक बारिश दर्ज की गई है। इसके चलते कई जिलों में नदियों का जलस्तर बढ़ा, नाले उफान पर आए और निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बनी।
कृषि नुकसान का आकलन और मुआवज़े की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए राज्य सरकार ने 15 सितंबर तक ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला हुआ है। अब तक 1 लाख 46 हजार 823 किसान पंजीकरण कर चुके हैं। लगभग 8.66 लाख एकड़ भूमि प्रभावित बताई गई है। पोर्टल से 2,687 गांवों के किसान कवर किए जा रहे हैं। यह पहल बाढ़ और भारी वर्षा से प्रभावित किसानों के लिए मुआवज़े की पारदर्शी और डिजिटल व्यवस्था सुनिश्चित करेगी।
राहत और बचाव अभियान
डॉ. सुमिता मिश्रा ने कहा कि अब तक 2,247 लोगों को राहत शिविरों में सुरक्षित पहुंचाया गया है, खासकर पलवल, फरीदाबाद, फतेहाबाद, भिवानी, कुरुक्षेत्र और अंबाला जिलों से। इन अभियानों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें संयुक्त रूप से काम कर रही हैं। एसडीआरएफ की इकाइयां 7 जिलों में तैनात हैं। पलवल में एनडीआरएफ की अतिरिक्त सहायता उपलब्ध कराई गई है। नाव, पेशेवर गोताखोर और अन्य बचाव उपकरण भी लगाए हैं।
त्वरित राहत के फंड
राज्य सरकार ने बाढ़ प्रभावित जिलों को 3.06 करोड़ रुपये की आरक्षित निधि स्वीकृत की है। इस धनराशि से भोजन, वस्त्र, तंबू, पशुओं के लिए चारा और जल निकासी जैसी तात्कालिक जरूरतों को पूरा किया जाएगा। इसके अलावा मकान ढहने से मारे गए 11 परिवारों को 44 लाख रुपये की अनुग्रह सहायता (प्रत्येक को 4 लाख रुपये) दी गई है। शहरी क्षेत्रों में जल निकासी के लिए जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को 50 लाख रुपये अतिरिक्त जारी किए गए हैं। सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग भी पंपिंग उपकरणों से निकासी कार्य तेज कर रहा है।