रोहतक, 6 मार्च (हप्र)
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि देश की मजबूती, महिला सशक्तीकरण, शिक्षा और अध्यात्म के क्षेत्र में महर्षि दयानंद और उनके अनुयायियों के विचार आज भी प्रासंगिक हैं। वे रविवार को आर्य प्रतिनिधि सभा की ओर से यहां पंडित लेखराम के 125 में बलिदान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यअतिथि लोगों को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने की।
दत्तात्रेय ने कहा कि पंडित लेखराम भारतीय संस्कृति और सभ्यता के पुरोधा थे। वे आर्य समाज के प्रचार-प्रसार में इतने लीन हुए कि उस समय उन्हें लोग आर्य मुसाफिर के रूप में जानने लगे। उन्होंने कहा कि महर्षि दयानंद ने 19वीं सदी में देश को जो दर्शन दिया था, उसी दर्शन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार आगे बढ़ाने का काम कर रही है। इस मौके पर आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान रामपाल आर्य, सीकर के सांसद स्वामी सुमेधानंद, एमडीयू के कुलपति राजबीर सिंह, स्वामी प्रणवानंद आर्य मौजूद रहे।
महर्षि की विचारधारा को बढ़ाना सामूहिक जिम्मेदारी : देवव्रत
गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि महर्षि दयानंद की विचारधारा को आगे बढ़ाना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। पंडित लेखराम को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने ही आर्य समाज में प्रचार की परंपरा को शुरू किया था। उन्होंने कहा कि आर्य समाज ने हमेशा देश की एकता और अखंडता के लिए कार्य किया है।