गोरखपुर प्लांट देगा 2032 तक 2800 मेगावाट बिजली
मदन लाल गर्ग/हप्र
फतेहाबाद, 14 जून
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी एवं केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने शनिवार को फतेहाबाद के गोरखपुर हरियाणा अणु विद्युत परियोजना का दौरा किया। इस दौरान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने यहां जारी निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की और अधिकारियों को चल रहे विभिन्न निर्माण कार्यों को तय मानक अनुसार जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि परमाणु ऊर्जा वातावरण के लिहाज से बेहतर ऊर्जा उत्पादन का माध्यम है। समीक्षा बैठक में एनपीसीआईएल के परियोजना निदेशक जिवेंद्र कुमार जैन ने गोरखपुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र के निर्माण कार्यों, सीएसआर और जागरूकता कार्यक्रमों के बारे में बताया।
इस मौके पर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि यह महत्वाकांक्षी परियोजना न केवल हरियाणा बल्कि उत्तर भारत की दीर्घकालिक ऊर्जा जरूरतों को पूरा करेगी। साथ ही स्वच्छ और सतत ऊर्जा समाधान की प्रतिबद्धता को और सशक्त बनाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसी परियोजनाएं देश को साल 2070 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश को परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी और आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने की दिशा में यह परियोजना दूरदर्शी कदम है। समीक्षा बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री ने चल रहे निर्माण कार्यों की बारीकी से जानकारी प्राप्त की तथा अधिकारियों को निर्देश दिए कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तय मानकों के अनुरूप समय पर कार्यों को पूरा करें।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देश को साल 2047 तक विकसित भारत बनाने का जो लक्ष्य है उसमें परियोजना एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि ऊर्जा उत्पादन में परमाणु ऊर्जा संयंत्र अन्य के मुकाबले लंबी अवधि के हिसाब से सस्ता है और प्रदूषण की समस्या भी न के बराबर है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आगामी मानसून सीजन में न्यूक्लियर प्लांट परिसर में 20000 से अधिक पौधे लगाए जाने चाहिए। समीक्षा बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि देश में किसी भी अणु विद्युत प्लांट्स को लगाने के लिए 13 या साढ़े 13 साल लगते हैं। गोरखपुर परमाणु प्लांट में देरी में कई तकनीकी व प्रशासनिक कारण रहे हैं। 2031 में इसकी दो यूनिट और बाकी दो यूनिट्स 2032 में शुरू होंगी। इनसे 2800 मेगावाट बिजली मिलेगी। इसकी 50 फीसदी बिजली हरियाणा को मिलेगी। बाकी केंद्र सरकार को दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि इस प्लांट पर अब तक 42 हजार करोड़ रुपए खर्च आ चुका है। यह सारा खर्च केंद्र सरकार की ओर से वहन किया जा रहा है। अब इसका काम तेजी से चलेगा। सिविल वर्क में तेजी आएगी। जमीन रेतीली होने के कारण टाइम ज्यादा लगा है। बाद में टैरिफ का रेट राज्य सरकार तय करेगी। उन्होंने बताया कि एनपीसीआईएल की ओर से अभी तक 80 करोड़ रुपए सीएसआर के तहत विकास कार्यों पर खर्च किए गए हैं। डीसी की अध्यक्षता में कमेटी बनेगी, उसकी निगरानी में विकास कार्य करवाए जाएंगे। बैठक के उपरांत मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने साइट विजिट करते हुए निर्माण कार्यों का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि अधिकारी एक परियोजना के निर्माण कार्य के पूरा करने के साथ-साथ दूसरी परियोजना के निर्माण कार्य को पूरा करने की रूपरेखा भी तैयार करें। इस मौके पर राज्यसभा सांसद सुभाष बराला, मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी व उपायुक्त मनदीप कौर भी मौजूद रहीं।
एसी का टेम्परेचर 20 से 28 करने की अपील
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने एसी के टेम्परेचर को 20 से 28 डिग्री रखने की अपील पर कहा कि इस अपील का अच्छा रिस्पांस मिला है। रेगुलाइजेशन का काम सरकार का है। इस विषय पर अच्छी बहस छिड़ी है। अधिकांश लोग मानते हैं कि इसका लाभ मिलेगा। एक डिग्री टेम्प्ारेचर कम रखेंगे तो 6 प्रतिशत बिजली बिल में लाभ होता है। इस तरह आने वाले चार से पांच साल में एसी की कीमत पूरी हो जाती है। औसत 24 डिग्री टेम्परेचर ही शरीर के लिए ठीक है। पूरे देश को निर्बाध बिजली मिल सके, इसके लिए बिजली की बचत जरूरी है।