खाप पंचायतों को कानूनी जिम्मेदारी देना सरहानीय कदम : किताब सिंह
नरवाना, 2 जुलाई (निस)
मध्यस्थता अधिनियम 2023 के तहत सामुदायिक विवादों को सुलझाने के लिये खाप पंचायतों को कानूनी जिम्मेदारी देने की याचिका पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने स्वीकार कर ली है जिसे सर्वजातीय नरवाना खाप ने सराहनीय कदम बताया। सर्वजातीय नरवाना खाप प्रवक्ता किताब सिंह मोर ने इसे मुख्य न्यायाधीश शील नागू और न्यायाधीश सुमित गोयल की दूरदर्शी सोच बताया। किताब सिंह ने कहा कि देश की स्वतंत्रता प्राप्ति में खाप पंचायतों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है और राजा महाराजाओं के समय से लेकर वर्तमान समय तक खाप पंचायतों ने ही देश के सामाजिक ताने-बाने को बनाकर रखा हुआ है।
चीफ जस्टिस द्वारा खुद यह माना जाना कि ग्रामीण क्षेत्रों में परंपरागत रूप से सामाजिक विवादों को सुलझाने में खाप पंचायतों की भूमिका सदैव से महत्वपूर्ण रही है, यह गर्व की बात है। मुख्य न्यायाधीश जी का यह मानना कि खाप पंचायतों की सामाजिक उपयोगिता को यदि कानून की परिधि में लाया जाए तो खाप पंचायतें पड़ोसियों, परिवारों और समुदायों के बीच आपसी मतभेदों को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझा सकती हैं। खाप पंचायतों की यह प्रक्रिया पारंपरिक मुकदमेबाजी की तुलना में अधिक सुलभ, तेज और कम खर्चीली है। चीफ जस्टिस ने कहा कि इस प्रभावी व्यवस्था को अब तक देश में लागू न करना एक चिंताजनक बात है। उन्होंने खाप पंचायतों से भी अपील की कि खाप पंचायतों को भी निष्पक्ष रूप से बिना किसी भेदभाव के सामाजिक विवादों और सामाजिक झगड़ों को निपटाना चाहिए। मौके पर खाप प्रधान राजवीर सिंह मोर, मालाराम गोयत, प्रेम चोपड़ा, सुभाष चहल, दलबीर मोर, रणधीर सिंह गोयत व राममेहर मोहलखेडा मौजूद रहे।