पुत्र को केवल सुख-सुविधा ही नहीं, अच्छे संस्कार भी दें : स्वामी दिव्यानंद
फतेहाबाद, 3 दिसंबर (हप्र)
श्री रघुनाथ मंदिर फतेहाबाद में आयोजित हनुमान कथा में डॉ. स्वामी दिव्यानंद महाराज ने कहा कि सत्संग किसी भी रूप में सुनें किंतु केवल कानों से नहीं। इसके द्वारा अपने मन को पढ़ें, धीरे-धीरे जीवन को पढ़ें। हनुमान जी जैसा चरित्र तो विशेष रूप से स्वाध्याय योग्य है। हनुमान तो महावीर हैं, कुमति निवारक हैं, उनके संग में रहने वाला स्वयं सुमति से भर जाता है। वे ऐसे महावीर नहीं जो केवल दूसरों को ही परास्त करते हैं, वे आत्म विजयी हैं, वे इंद्रियों के गुलाम नहीं, आज का वातावरण इसीलिए तो बिगड़ा है, क्योंकि हम मन के गुलाम हैं? जानते समझते हुए भी मन ने जो चाहा, वह करने को मजबूर हो जाते हैं। इस मौके पर मंदिर सभा कमेटी प्रधान टेकचंद मिढ़ा, बनवारी लाल गहलोत, इंद्रसेन बतरा, नरेश सरदाना, तरुण बजाज किट्टू, विनोद अरोड़ा, टीडी मेहता, राजीव बतरा, प्रेम कुमार भी मौजूद रहे।