समस्त मानवता के लिए है गीता का उपदेश : राजनाथ सिंह
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि गीता का संदेश केवल भारत की सीमाओं तक सीमित नहीं है बल्कि यह पूरे विश्व का ग्रंथ है। गीता ने हम सभी के जीवन को प्रभावित किया है। गीता के प्रचार-प्रसार में हरियाणा सरकार पूरा सहयोग कर रही है। इस प्रकार के आयोजन हमारी युवा पीढ़ी की चेतना को जागृत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, विदेश मंत्रालय और कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की ओर से श्रीमद्भगवद्गीतोक्त स्वधर्मः कर्तव्यनिष्ठा, शान्ति, सद्भावना एवं स्वदेशी की प्रेरणा विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय गीता सम्मेलन 2025 के शुभारंभ अवसर पर बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केडीबी मानद सचिव उपेन्द्र सिंघल, अम्बेडकर केन्द्र के निदेशक डॉ. प्रीतम सिंह तथा अन्य विशिष्ट अतिथियों ने दीप जलाकर सम्मेलन का शुभारंभ किया गया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि गीता के उपदेश समस्त मानवता के उत्थान के लिए दिया हुआ ज्ञान है। यदि किसी को भारत की आत्मा को समझना है तो उसे कुरुक्षेत्र की धूल में ढूंढ़ना होगा। यह धरती भूगोल का हिस्सा नहीं है। यहां खड़े होकर ऐसा लगता है कि कृष्ण की वाणी आज भी कुरुक्षेत्र की हवाओं में गूंज रही है। यह ज्ञान उस समय के लिए नहीं बल्कि पूरी मानवता व विश्व के लिए था। आत्मा कभी नहीं मरती है। गीता का असली संदेश त्यागी बनना है। अज्ञानता, अकर्मठता, अंहकार का त्याग का अर्थ गीता है। आज हम भटकाव व असमंजस में हैं। जीवन का उद्देश्य समझ नहीं आ रहा है। कुछ लोग कर्म से ज्यादा परिणाम की इच्छा कर रहे हैं। इस तरह की उलझी हुई स्थिति का सामना हमारे आसपास के लोग कर रहे हैं।
भारत में करुणा भी युद्ध भूमि की प्रेरणा
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत में करुणा भी है और युद्ध भूमि की प्रेरणा भी। ऑपरेशन सिंदूर भारत की आत्म सम्मान की उद्घोषणा थी। युद्ध बदले की भावना के लिए नहीं बल्कि धर्म की स्थापना के लिए होता है। भारत आतंकवाद के खिलाफ मौन नहीं रहेगा। ऑपरेशन सिंदूर धर्मयुद्ध था जिसे हमने अपनाया था। इस अवसर पर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने भी अपने विचार रखे।
विश्वविद्यालय के कुलपति सोमनाथ सचदेवा ने स्वागत भाषण दिया। हरियाणा के मंत्री अनिल विज, स्वदेशी जागरण मंच के सह संगठक व प्रसिद्ध व आर्थिक विशेषज्ञ सतीश इत्यादि ने भी अपने विचार रखे। मौलाना काकोब ने कहा कि गीता इंसानियत, मुल्कों को चलाती है। उन्होंने गीता जिंदाबाद, भारत माता की जय का नारा लगवाया। जैन समाज के विवेक मुनि ने अपने विचार रखे। मंच का संचालन प्रो. विवेक चावला ने किया।
