मुख्य समाचारदेशविदेशहरियाणाचंडीगढ़पंजाबहिमाचलबिज़नेसखेलगुरुग्रामकरनालडोंट मिसएक्सप्लेनेरट्रेंडिंगलाइफस्टाइल

हर समस्या का समाधान है गीता : स्वामी ज्ञानानंद

कुवि में अंतर्राष्ट्रीय गीता सम्मेलन-2025 के दूसरे दिन गोलमेज सम्मेलन
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में श्रीमद् भगवद् गीतोक्त स्वधर्मः कर्तव्यनिष्ठा, शांति, सद्भावना एवं स्वदेशी की प्रेरणा विषय पर आयोजित गोलमेज सम्मेलन का उद्घाटन करते स्वामी ज्ञानानंद। -हप्र
Advertisement

विश्वभर में जितनी भी समस्याएं हैं, उन सबका समाधान गीता में है। हर प्रश्न का उत्तर गीता में निहित है। जरूरत है व्यक्ति को गीता का अनुसरण करने की। भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत के युद्ध से पूर्व गीता का जो अमर संदेश दिया था, वह अर्जुन के लिए नहीं बल्कि पूरी मानवता के लिए था। यह विचार स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने मंगलवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सीनेट हाल में विदेश मंत्रालय और कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के संयुक्त तत्वावधान में श्रीमद् भगवद् गीतोक्त स्वधर्म: कर्तव्यनिष्ठा, शांति, सद्भावना एवं स्वदेशी की प्रेरणा विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय गीता सम्मेलन-2025 के दूसरे दिन गोलमेज सम्मेलन में व्यक्त किए। इससे पहले स्वामी ज्ञानानंद, कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा, विदेश मंत्रालय सचिव डॉ. नीना मल्होत्रा, सम्मेलन निदेशक प्रो. तेजेन्द्र शर्मा, प्रो. मंजूला चौधरी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सम्मेलन में अमेरिका, हंगरी, जापान, थाईलैंड, चीन, स्पेन, बेलारूस, फिजी, नेपाल, मलेशिया, कजाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों के विद्वानों ने श्रीमद् भगवद् गीता से सीखें ज्ञान और अपने अनुभवों को साझा किया। इस अवसर पर कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने अध्यक्षीय संबोधन दिया। सम्मेलन निदेशक प्रो. तेजेन्द्र शर्मा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। मंच का संचालन प्रो. वनिता ढींगरा ने किया। अंत में राष्ट्र गान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। इस अवसर पर डीन ऑफ कॉलेजिज प्रो. ब्रजेश साहनी, प्रो. दिनेश कुमार, सम्मेलन निदेशक प्रो. तेजेन्द्र शर्मा, अम्बेडकर केन्द्र के निदेशक डॉ. प्रीतम सिंह, प्रो. आरके देसवाल, प्रो. शुचिस्मिता, लोक सम्पर्क विभाग की उप-निदेशक डॉ. जिम्मी शर्मा, डॉ. कुशविन्द्र कौर, डॉ. सुशील टाया सहित गणमान्य लोग मौजूद थे।

Advertisement

बहरीन से आए विद्वान पंकज दास कहा कि वैदिक संस्कृति के हिसाब से चलने से सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा। रूस से डॉ. मार्सिस गज़ुन्स ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर अत्यधिक निर्भरता सीमित करने और मानवीय निर्णय क्षमता को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर जोर दिया। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के यूआईईटी संस्थान में 10वें अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती समारोह के अंतर्गत ‘डिजिटल युद्धभूमि का शोर और गीता का सिगनल’ विषय पर आयोजित प्लेनरी सत्र में मलेशिया, इथोपिया, केयू डीन इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी व संस्थान के निदेशक प्रो. सुनील ढींगरा, जेएनयू के प्रो. सी उपेंद्र राव ने भी अपने विचार रखे।

Advertisement
Show comments