हिसार, 6 जुलाई (हप्र)
अंतरर्जातीय प्रेम विवाह के मामले में अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाले मिर्जापुर रोड निवासी युवक राजेश की हत्या के मामले में पंचकूला स्थित सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश सुधीर परमार ने लड़की के पिता मिल गेट निवासी शमशेर की जमानत याचिका खारिज कर दी है।
जय भीम आर्मी ट्रस्ट के चेयरमैन संजय चौहान ने बताया कि अनुसूचित जाति के युवक राजेश व सामान्य जाति की लड़की पूनम ने वर्ष 2015 में सनातन धर्म चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्मय से ही प्रेम विवाह किया था। इस विवाह से पूनम के परिजन नाखुश थे। इसके बाद 2 फरवरी, 2017 को वह गायब हो गया था। इस पर हिसार शहर थाना पुलिस ने 4 फरवरी, 2017 को मृतक युवक राजेश के पिता मिर्जापुर रोड निवासी ओमप्रकाश की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता की धारा 346 के तहत मामला दर्ज किया था। बाद में राजेश का शव मिर्जापुर रेलवे लाइन के पास मिला जिस पर काफी चोट के निशान थे।
संजय चौहान बताया कि ऑनर किलिंग के उक्त मामले में पुलिस ने मृतक राजेश के बड़े भाई को ही जांच के बहाने बुरी तरह से टॉर्चर किया जबकि आरोपी पक्ष के लोगों पर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। इस मामले में मृतक की पत्नी, उसके पिता व भाई का नार्को टेस्ट भी हो चुका है।
जब मामले की निष्पक्ष जांच नहीं की तो उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मामले को सीबीआई को सौंपने की मांग की। इसके बाद मामला हाईकोर्ट ने 3 दिसंबर, 2018 को यह मामला सीबीआई को सौंप दिया। इसके बाद सीबीआई टीम ने गत 3 सितंबर, 2020 को लड़की के पिता मिल गेट निवासी शमशेर सिंह व अन्य राजकुमार उर्फ कालिया को गिरफ्तार किया था। इसी मामले में अदालत ने शमशेर की जमानत याचिका खारिज की है।
संजय चौहान ने बताया कि राजेश की हत्या में शामिल एक आरोपी की मौत भी हो चुकी है वहीं एक व्यक्ति आत्महत्या कर चुका है।