स्वास्थ्य विभाग में अधिकारियों की लगेगी जियो-फेसिंग हाजिरी
हरियाणा सरकार ने स्वास्थ्य विभागों में अधिकारियों व कर्मचारियों की जियो-फेंसिंग हाजिरी प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन यानी एनएचएम द्वारा यह सिस्टम विकसित किया गया है। स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव इस सिस्टम को लेकर कई बार विभाग के अधिकारियों की बैठक भी कर चुकी थी। अब इसे राज्य में लागू किया जा रहा है।
कर्मचारियों को 'जियोफेस्ड अटेंडेंस एचआरवाई' एप डाउनलोड करना होगा, जो गूगल प्ले स्टोर (एंड्रॉइड के लिए) और एप्पल एप स्टोर (आईओएस के लिए) से डाउनलोड के लिए उपलब्ध है। इस नई पहल के तहत सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन का वितरण पूरी तरह से जियो-फेंसिंग सिस्टम के डेटा पर आधारित होगा। यह निर्णय विभाग द्वारा दक्षता में सुधार, कदाचार को रोकने और राज्य में स्वास्थ्य प्रणाली के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए किए जा रहे निरंतर प्रयासों का हिस्सा है।
आरती राव ने बताया कि इस कदम से बेहतर सेवा वितरण और जवाबदेही सुनिश्चित होगी। इसका लाभ अंततः हरियाणा के लोगों को मिलेगा। जियो-फेसिंग आधारित उपस्थिति प्रबंधन का कार्यान्वयन हमारे स्वास्थ्य प्रणाली में अनुशासन सुनिश्चित करने और दक्षता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। डिजिटल समाधानों को अपनाकर, हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक स्वास्थ्य अधिकारी हरियाणा के लोगों की सेवा के लिए जवाबदेह और प्रतिबद्ध रहे।
उन्होंने बताया कि यह पहल डिजिटल इंडिया के विजन को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जहां कुशल, पारदर्शी और नागरिक-केंद्रित शासन देने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाता है। उन्होंने बताया कि सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को नई प्रणाली का अनुपालन करने का निर्देश दिया है।
निशुल्क डायलिसिस सत्र आयोजित
स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने बताया कि प्रदेश के सभी 22 जिलों में संचालित हीमोडायलिसिस सेवाओं के तहत 18 अक्तूबर, 2024 से 30 अप्रैल, 2025 तक कुल 99 हजार 309 निःशुल्क डायलिसिस सत्र सफलतापूर्वक आयोजित किए जा चुके हैं। डायलिसिस एक महंगी चिकित्सा प्रक्रिया है, जो किडनी रोगियों के लिए जीवन रक्षक साबित होती है। अब यह सेवा हरियाणा के सभी नागरिकों को पूरी तरह से निःशुल्क प्रदान की जा रही है। वर्तमान में यह सुविधा राज्य के 20 जिला नागरिक अस्पतालों तथा 2 मेडिकल कॉलेजों करनाल व नूंह में उपलब्ध है। आयुष्मान भारत योजना के तहत पंजीकृत अस्पतालों में भी पात्र लाभार्थियों को यह सेवा निःशुल्क प्रदान की जा रही है।