चंडीगढ़, 6 मई (ट्रिन्यू)
प्रदेश सरकार ने संयुक्त प्रवेश परीक्षा की संशोधित पॉलिसी लागू कर दी है। अब सरकारी विभागों, बोर्ड-निगमों और विश्वविद्यालयों में अब ग्रुप सी और डी के पदों पर संयुक्त प्रवेश परीक्षा (सीईटी) पास करने पर ही नौकरी मिलेगी। सामान्य वर्ग के आवेदकों को परीक्षा में न्यूनतम 50 प्रतिशत और अनुसूचित जाति (एससी), पिछड़ा वर्ग (बीसी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) सहित अन्य आरक्षित वर्गों के अभ्यर्थियों को न्यूनतम 40 प्रतशित अंक लेने होंगे। इससे कम अंक होने पर दोबारा परीक्षा देनी पड़ेगी। प्रदेश सरकार ने संयुक्त प्रवेश परीक्षा के लिए संशोधित पॉलिसी की अधिसूचना जारी कर दी है। ग्रुप सी के पदों के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता 12वीं और ग्रुप डी के लिए दसवीं होनी चाहिए। दसवीं या उच्च शिक्षा में एक विषय हिंदी या संस्कृत का होना जरूरी है। ग्रुप डी के लिए आयोजित होने वाली परीक्षा में दसवीं की परीक्षा देने वाले और ग्रुप सी के पदों के लिए लिए बारहवीं की परीक्षा देने वाले छात्र भी शामिल हो सकेंगे।
अनुभव के मिलेंगे 4 प्रतिशत अंक
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन भोपाल सिंह खदरी के अनुसार सामाजिक-आर्थिक मानदंड के अंक उन्हीं उम्मीदवारों को मिलेंगे, जिनकी सालाना पारिवारिक आय एक लाख 80 हजार रुपए से कम है। अनुभव के अंकों के लिए ऐसी कोई शर्त नहीं रखी गई है। सीईटी की लिखित परीक्षा में अधिकतम अंक 95 होंगे। पांच अंक सामाजिक-आर्थिक मानदंड के रहेंगे। इस तरह परीक्षा में किसी के 70 अंक आते हैं और पांच सामाजिक अंक मिलते हैं तो उसका सीईटी स्कोर 75 होगा। चेयरमैन के अनुसार, शिक्षकों की भर्ती के लिए सीईटी लागू नहीं होगा। उनके लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा ही मानदंड रहेगा। अगर आवेदक के पास सरकारी महकमों, बोर्ड-निगमों और सरकारी संस्थाओं में कार्य करने का अनुभव है तो उसे हर छह महीने के लिए आधा प्रतिशत अंक मिलेगा। अधिकतम आठ वर्षों तक के अनुभव के अंक मिलेंगे। यानी कि कच्चे कर्मचारियों को अधिकतम चार प्रतिशत अंक अनुभव के आधार पर मिलेंगे।