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इंडोनेशिया की धरती पर गूंजेगी गीता वाणी, बाली में होगा अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव

इंडोनेशिया के बाली प्रांत में आगामी 12 से 14 सितंबर तक अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन होगा। तीन दिवसीय इस महोत्सव को भारत-इंडोनेशिया के सांस्कृतिक रिश्तों को नयी ऊर्जा देने वाले के तौर पर देखा जा रहा है। बाली के...
मदन मोहन छाबड़ा
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इंडोनेशिया के बाली प्रांत में आगामी 12 से 14 सितंबर तक अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन होगा। तीन दिवसीय इस महोत्सव को भारत-इंडोनेशिया के सांस्कृतिक रिश्तों को नयी ऊर्जा देने वाले के तौर पर देखा जा रहा है। बाली के प्रसिद्ध गरुड़ विष्णु कंचन कल्चरल पार्क में भगवान विष्णु की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा के नीचे श्रद्धालु जुटेंगे।

अगर बात करें इंडोनेशिया के बाली प्रांत की तो यहां की दैनिक जीवनशैली, मंदिर वास्तुकला और त्योहारों में भारतीय संस्कृति की झलक साफ दिखाई देती है। बाली में भगवान विष्णु, राम और गणेशजी की पूजा-अर्चना आज भी विशेष महत्व रखती है। महोत्सव की शुरुआत 12 सितंबर को होगी, जब इंडोनेशिया और बाली के प्रमुख राजनयिकों को गीता भेंट की जाएगी। अगले दिन यानी 13 सितंबर को औपचारिक रूप से गीता महोत्सव का शुभारंभ होगा। इस अवसर पर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज गीता के श्लोकों के साथ भगवान श्रीकृष्ण का कर्म, धर्म और अध्यात्म संदेश देंगे। इसके बाद 14 को ग्लोबल गीता चैटिंग होगी। इस संबंध में 48 कोस तीर्थ निगरानी कमेटी के चेयरमैन मदन मोहन छाबड़ा ने बताया कि 14 सितंबर को गोआ लवान मंदिर परिसर में ग्लोबल गीता चैंटिंग आयोजित होगी। इसमें एक हजार से अधिक लोग एक साथ गीता का पाठ करेंगे। साथ ही अमेरिका, कनाडा, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों से ऑनलाइन जुड़कर गीता प्रेमी श्लोकों का उच्चारण करेंगे। भक्ति संगीत, गीता योग और गीता आरती के साथ महोत्सव का समापन होगा।

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सांस्कृतिक कूटनीति होगी मजबूत : हरियाणा सरकार ने वर्ष 2016 में गीता महोत्सव को अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप दिया था। सबसे पहला आयोजन मॉरीशस में हुआ और उसके बाद कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया में भी गीता महोत्सव आयोजित हो चुका है। इस बार छठा संस्करण इंडोनेशिया में हो रहा है। मदन मोहन छाबड़ा ने कहा, ‘गीता महोत्सव भारत की सांस्कृतिक कूटनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। आगामी आयोजन रिश्तों को नयी गरमाहट देगा।’

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