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पूरे विश्व को पर्यावरण का संदेश देती है गीता : बंडारू दत्तात्रेय

केयू में तीन दिवसीय नौवें अंतर्राष्ट्रीय गीता सम्मेलन

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कुरुक्षेत्र में बृहस्पतिवार को दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ करते राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय तथा अन्य। -हप्र
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विनोद जिन्दल/हप्र

कुरुक्षेत्र, 5 दिसंबर

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गीता पूरे विश्व को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देती है। गीता संपूर्ण मानवता के कल्याण का ऐसा ग्रंथ है, जिसके माध्यम से मानव जीवन से जुड़ी हुई सभी समस्याओं का समाधान निहित है।

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ये उद्गार हरियाणा के राज्यपाल एवं कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने केयू तथा कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के संयुक्त तत्वावधान में ऑडिटोरियम हॉल में श्रीमद् भगवद् गीता आधारित ‘संतुलित प्रकृति-शुद्ध पर्यावरण’ विषय पर आयोजित 9वें तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय गीता सम्मेलन में बतौर मुख्यातिथि उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए अभिव्यक्त किए।

इससे पहले राज्यपाल एवं अतिथियों द्वारा विधिवत रूप से दीप प्रज्वलित कर अंतर्राष्ट्रीय गीता सम्मेलन का उद्घाटन किया गया व गीता सम्मेलन की स्मारिका का विमोचन किया। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि केन्द्र सरकार गीता के संदेश का निर्वहन करते हुए 2035 तक सौर ऊर्जा के माध्यम से 6000 मेगावाट बिजली उत्पादन कर कार्बन उत्सर्जन को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

प्रदेश सरकार भी सौर ऊर्जा के माध्यम से कार्बन के उत्सर्जन पर नियंत्रण कर पर्यावरण संतुलन के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।

उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि अपनी सामाजिक समस्याओं के निवारण के लिए गीता का पाठ अवश्य करें। इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में विशिष्ट अतिथि के रूप में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि गीता भारत के सांस्कृतिक इतिहास की विरासत है। यह सम्पूर्ण मानवता के कल्याण का ग्रंथ है। इसमें भारतीय एकता एवं अखंडता का स्वरूप दिखाई देता है। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में गीता का महत्वपूर्ण योगदान है। आवश्यकता है गीता के पर्यावरण संरक्षण संदेश को पूरे विश्व तक पहुंचाने की। गीता उपनिषदों, वैदिक ग्रंथों का सार है।

सम्मेलन के विशिष्ट अतिथि उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने कहा कि गीता संपूर्ण मानवता के जीवन दर्शन का सार है। उन्होंने कहा कि धर्म और ज्ञान की भूमि कुरुक्षेत्र आकर पूर्णता की अनुभूति हो रही है।

अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में पूरे विश्व में गीता के प्रचार एवं प्रसार करने वाले गीता मनीषी व जीओ गीता के संस्थापक एवं प्रणेता स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि देवस्वरूपा गीता में पर्यावरण का वैश्विक संदेश निहित है। अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में तंजानिया, जांजीबार की यूथ एवं कल्चरल मिनिस्टर टीएम माविता ने कहा कि भारत और तंजानिया के शिक्षा एवं कृषि क्षेत्र में गहरे संबंध हैं। तंजानिया तथा भारत के बीच इस तरह के आयोजनों से आपसी संबंध मजबूत होंगे, जिससे संस्कृति, कृषि, स्वास्थ्य, व्यापार, शिक्षा, शोध व अन्य क्षेत्रों में लाभ होगा।

स्वदेशी जागरण मंच के सह-संगठक व प्रसिद्ध आर्थिक विशेषज्ञ सतीश कुमार ने कहा कि विश्व में गीता के पर्यावरण संरक्षण सिद्धांत को लागू करने की आवश्यकता है। मंच का संचालन जैनेन्द्र कुमार ने किया तथा केडीबी के मानद सचिव उपेन्द्र सिंघल ने सभी अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि गीता उपदेश में खोज और जिज्ञासा की भावना निहित है।

लोक संपर्क विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय गीता सम्मेलन सम्मेलन में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के 15 विभागों द्वारा आयोजित 12 तकनीकी सत्रों में विद्वान 700 से अधिक गीता आधारित शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे व चर्चा करेंगे।

‘हरियाणवी संस्कृति का आईना है पैवेलियन’

कुरुक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में बने हरियाणा पैवेलियन का शुभारंभ करते राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय। -हप्र

राज्यपाल एवं कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने बृहस्पतिवार को केयू तथा केडीबी के संयुक्त तत्वावधान में ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर पुरुषोत्तमपुरा बाग में स्थापित हरियाणा पैवेलियन का उद्घाटन करते हुए कहा कि हरियाणा पैवेलियन हरियाणवी संस्कृति का आईना है, जो सभी को हरियाणा की समृद्ध लोक कला एवं संस्कृति को प्रदर्शित करता है। हरियाणा पैवेलियन के माध्यम से कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय हरियाणवी संस्कृति के उत्थान व संरक्षण में सराहनीय योगदान दे रहा है। इस सराहनीय योगदान के लिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा बधाई के पात्र हैं। राज्यपाल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती के अवसर पर विश्वविद्यालय ने कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के साथ मिलकर हरियाणा की लोक संस्कृति को सम्पूर्ण विश्व में आम जन तक पहुंचाने का कार्य किया है। इस अवसर पर हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह, जांजीबार की युवा संस्कृति एवं कला मंत्री केएम माविता, स्वामी ज्ञानानंद, कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा व उपायुक्त नेहा सिंह ने हरियाणा पैवेलियन में लगे सभी स्टाल का अवलोकन किया। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती समारोह में हरियाणा पैवेलियन युवा पीढ़ी को अपने राज्य की प्राचीन समृद्ध संस्कृति एवं विरासत को जानने, समझने तथा उससे जुड़ने का सुगम अवसर प्रदान करती है। इस अवसर पर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज, उपायुक्त नेहा सिंह, पद्मश्री महावीर गुड्डू, केडीबी के मानद सचिव उपेन्द्र सिंघल, कैप्टन परमजीत सिंह, अशोक रोशा, प्रो. विवेक चावला, डॉ. एमके मौदगिल, डॉ. आबिद अली, डॉ. कुलदीप आर्या, हरकेश पपोसा सहित गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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