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गौशाला प्रबंधक समितियों ने लगाई ग्रांट जल्द देने की गुहार

पानीपत, 24 अप्रैल (हप्र) पानीपत जिला में 33 गौशालाएं है और उनमें से 29 गौशाला हरियाणा गौ सेवा आयोग से रजिस्टर्ड हैं। जिला की इन गौशालाओं में 21 हजार से भी ज्यादा गौवंश है। गौ सेवा आयोग से रजिस्टर्ड गौशालाओं...
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पानीपत शहर की गौशाला में ट्रैक्टर के पंखे से तूड़ी को गोदाम में डालते मजदूर। -हप्र
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पानीपत, 24 अप्रैल (हप्र)

पानीपत जिला में 33 गौशालाएं है और उनमें से 29 गौशाला हरियाणा गौ सेवा आयोग से रजिस्टर्ड हैं। जिला की इन गौशालाओं में 21 हजार से भी ज्यादा गौवंश है। गौ सेवा आयोग से रजिस्टर्ड गौशालाओं को सरकार द्वारा चारे के लिये ग्रांट दी जाती है। गेहूं के सीजन के दौरान अब सभी गौशाला प्रबंधन समितियों द्वारा सालभर के लिये अपनी गौशालाओं के गौवंश के लिये सूखे चारे गेहूं की तूड़ी की खरीद की जाती है। तूड़ी का भाव अब 500 से 600 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है, पर गेहूं के सीजन के बाद तूड़ी का भाव ज्यादा बढ़ जाता है। पानीपत जिला की ज्यादातर गौशालाओं के आर्थिक हालत ठीक नहीं हैं और वे सरकार द्वारा दी जा रही चारे की ग्रांट पर ही निर्भर हैं।

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इसलिए जिला के गौशाला संचालक सरकार से जल्द से जल्द चारे के लिये ग्रांट देने की मांग कर रहे हैं ताकि गेहूं के सीजन में अब तूड़ी खरीदी जा सके। हरियाणा गौवंश गौशाला सेवा संघ के संयोजक कुलबीर खर्ब और संघ के पूर्व प्रदेश महासचिव एवं बलराम गौशाला बडौली के प्रधान रविंद्र मिटान ने बताया कि सरकार द्वारा 31 मार्च, 2024 तक प्रदेशभर की गौशालाओं को चारे की ग्रांट के लिये 456 करोड़ रुपए का बजट दिया जाना था, पर आयोग द्वारा 31 मार्च तक सिर्फ 80 करोड़ रुपए ही दिया गया और बाक पैसा लैप्स हो गया। पिछले वित्तीय वर्ष में पानीपत जिला सहित प्रदेश की गौशालाओं को चारे की पूरी ग्रांट नहीं मिल पाई थी, लेकिन अब गेहूं का सीजन चल रहा है और गौशालाओं द्वारा सालभर के लिये तूड़ी इसी समय खरीदी जाती है।

सरकार से यदि चारे के लिये जल्द ही ग्रांट नहीं मिली तो तूड़ी नहीं खरीदी जा सकेगी और बाकी के 9 माह तक तूड़ी कहां से आयेगी, इसको लेकर गौशाला संचालक चिंतित है। गौवंश गौशाला सेवा संघ के संयोजक कुलबीर खर्ब ने बताया कि गौशालाओं को चारे की ग्रांट को लेकर सीएम से मिलने का समय मांगा गया है।

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