एस. अग्निहोत्री/ हप्र
पंचकूला, 20 अप्रैल
पंचकूला शहर की तीन लाख के करीब आबादी में आधा दर्जन छोटे-बड़े श्मशानघाट हैं, जिसमें मात्र एक श्मशानघाट सेक्टर-20 में ही गैस से संस्कार किये जाने का प्रावधान कोरोना काल में डेढ़ साल पहले किया गया था। इसकी मशीन में मात्र एक शव ही जलाया गया है। अब डेढ़ साल से यह मशीन बंद पड़ी है। इस श्मशानघाट में रोजाना दो लोगों का अंतिम संस्कार किया जाता है। इसके अलावा पंचकूला के सेक्टर-28, सकेतड़ी, बरवाला, रायपुररानी में भी श्मशानघाट हैं। पंचकूला पढ़े-लिखे लोगों का शहर है, जहां पर सभी प्रकार की सुविधाए उपलब्ध करवाने के लिए सरकार दिन-रात प्रयास कर रही है। लेकिन पंचकूला नगर निगम अभी तक सेक्टर-20 के श्मशानघाट में गैस से संस्कार करने वाली मशीन को सुचारु करवाने में पूरी तरह से नाकाम साबित हुआ है।
सेक्टर-20 श्मशानघाट में तैनात सेवादार ओमप्रकाश ने बताया कि यहां पर रोजाना दो-तीन अंतिम संस्कार होते हैं। पढ़े-लिखे लोग होने के कारण गैस से भी लोग संस्कार करवाना पसंद करते हैं, लेकिन गैस से संस्कार करने वाली मशीन को प्रयोग में ही नहीं लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में करीब दो साल पहले लगाई इस मशीन में जब पहला अंतिम संस्कार किया गया तो उसके लिए 5 से 7 घंटे लग गए और पता चला कि मशीन का एक पार्ट काम नहीं कर रहा है, जिसके बाद उसे इंजीनियर ने आकर ठीक कर दिया। बावजूद इसके अभी भी इसका प्रयोग नहीं किया जा रहा है।
रेजीडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के उप्रपधान बोले
सेक्टर-20 रेजीडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के उप्रपधान योगेंद्र क्वात्रा ने बताया कि नगर निगम को गैस से संस्कार करने वाली मशीन को लगाने के बाद उसके काम को देखना चाहिए था। उन्होंने कहा कि पैसा खर्च कर मशीन न चल पाना बेहद खेद का विषय है। पंचकूला में सेक्टर-20 के अलावा सेक्टर-28 में भी बड़ा श्मशानघाट है, जहां पर मशीन से अंतिम संस्कार करने का सिस्टम नहीं लगा है। इसके अलावा गांवों व कालोनियो के श्मशानघाट भी इस सिस्टम से अभी अछूते हैं। हालांकि एनजीटी ने आदेश कर इस सिस्टम को लगाने के लिए कह दिया है, लेकिन अभी यह आदेश पंचूकला में बेमानी साबित हो रहे है।
मेयर कुलभूषण गोयल ने कहा : पंचकूला के मेयर कुलभूषण गोयल ने कहा कि सेक्टर-20 के श्मशानघाट में गैस सिस्टम से अंतिम संस्कार करने के लिए मशीन लगाई गई थी, जोकि सही नहीं निकली, जिसके बाद इसका प्रयोग नहीं किया गया।