सोनीपत, 3 जुलाई (हप्र)
शहर के नालों के दूषित पानी की निकासी ड्रेन नंबर-6 के जरिये होती है। मानसून के दौरान जलभराव से बचने के लिए हर साल की तरह नगर निगम ने लाखों रुपये खर्च कर इसकी सफाई का कार्य शुरू कराया, लेकिन ठेकेदार ने ड्रेन से निकले कचरे को इसके किनारे पर ही डाल दिया। अधिकारी केवल दावों में ही उलझे रहे। एक बार भी मौके का निरीक्षण कर स्थिति की जांच नहीं की। मानसून की पहली ही बारिश में कचरा बहकर वापस ड्रेन में चला गया। इससे ड्रेन में पहले जैसे हालत हो गए। ऐसे में लाखों रुपये खर्च कर सफाई का कोई फायदा नहीं हुआ और अब शहरवासियों को फिर से जलभराव की समस्या झेलनी पड़ेगी।
पानी निकासी की यह मुख्य ड्रेन आधे से ज्यादा कचरे से अटी पड़ी है। इसके अलावा राठधना में 35 एमएलडी व ककरोई रोड पर 25 एमएलडी के एसटीपी में सीवरेज जाता है। शंभूदयाल विद्यालय के पास बूस्टिंग स्टेशन, सेक्टर-23, ककरोई रोड पर बूस्टिंग स्टेशन हैं। इनसे 30 एमएम बारिश के पानी की निकासी में 4 घंटे तक लगते हैं। वर्षा यदि 60 एमएम होती है तो करीब 8 घंटे से ज्यादा समय लगता है। यदि ड्रेन अटी होगी तो पानी आगे नहीं जा पाएगा या बहुत समय इसमें लगेगा। ऐसे में शहर में कई दिन तक भी जलभराव की स्थिति रह सकती है।
रैंप बने रुकावट
कई स्थानों पर दुकानदारों ने नालों पर रैंप बना लिए हैं, जिसकी वजह से सफाई के लिए लगाई जाने वाली मशीन पूरी तरह से चल नहीं पाती। इसके चलते उस हिस्से में कचरा रह जाता है अौर वर्षा के दौरान पानी निकासी बाधित हो जाती है। दुकानदारों द्वारा गोहाना रोड, ओल्ड डीसी रोड, मुरथल अड्डा रोड, सब्जी मंडी के पास स्थानों पर नालों के ऊपर रैंप बनाए गये हैं।
सड़क पर भी गंदगी
दो दिन पहले हुई वर्षा के दौरान जलभराव से नगर निगम ने सबक लेकर कुम्हार गेट से पुरखास अड्डा की ओर बने नाले की सफाई तो करवाई, लेकिन वहां भी लापरवाही ही देखने को मिल रही है। कर्मचारियों ने नाले से मलबा निकालकर किनारे ही डाल दिया। इससे सड़क का काफी हिस्सा बंद हो गया है। यदि वर्षा हुई तो मलबा नाले में चला जाएगा।