नवीन पांचाल/हप्र
गुरुग्राम, 25 अप्रैल
कोरोना के प्रकोप ने हिंदू परंपराओं का एक और नियम तोड़ दिया। अब मृतकों का अंतिम संस्कार रात के समय भी किया जा रहा है। ऐसा शवों के अंतिम संस्कार के लिए बढ़ती वेटिंग के कारण किया जा रहा है। श्मशान प्रबंधन ने यह फैसला प्रशासनिक अधिकारियों की सहमति से लिया है। रविवार को देर शाम तक अंतिम क्रियाओं का दौर जारी था।
कोरोना संक्रमण से मरे लोगों के लिए 6 श्मशान स्थलों में अंतिम संस्कार की व्यवस्था के प्रशासन के दावों के विपरीत सिर्फ दो ही श्मशान घाट चालू हैं। इनमें सेक्टर 32 व दूसरा मदनपुरी स्थित रामबाग। शवों के अंतिम संस्कार का सबसे ज्यादा दबाव मदनपुरी स्थित श्मशान घाट पर है। रविवार की शाम 7 बजे तक यहां 40 से ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार किया जा चुका था। श्मशान घाट में शवों को लिए खड़ी एंबूलेंस की कतार लगी हुई थी। ज्यादातर एंबूलेंस में कोरोना मृतकों को लाया जा रहा है। मदनपुरी श्मशान रामबाग की प्रबंधन समिति के एक अधिकारी के अनुसार सूर्य अस्त होने के बाद हिंदू मान्यताओं के अनुसार शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाता। लेकिन शवों की संख्या लगातार बढ़ रही है इस कारण शाम ढ़लने के बाद भी अंतिम क्रियाएं की जा रही हैं।
अस्पतालों से 171 को मिली छुट्टी, 231 दाखिल
संक्रमण के दौर में राहत की खबर यह है कि विभिन्न अस्पतालों से 171 संक्रमितों को छुट्टी मिली है। अब इनके स्थान पर दूसरे मरीजों को दाखिला दिया गया। इसके अलावा अन्य बेड पर भी मरीजों के लिए व्यवस्था की गई। इसके समेत कुल 231 मरीजों को रविवार को विभिन्न अस्पतालों में दाखिला मिल पाया।