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जनसरकार से जनविश्वास तक नायब के एक साल ने हरियाणा की राजनीति में लिखी नयी पटकथा

ट्रिपल इंजन की ताल पर चला हरियाणा, विकास, विश्वास और संवाद की ‘नायब’ रफ्तार

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सीएम नायब सिंह सैनी। फाइल फोटो
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हरियाणा की राजनीति में यह साल किसी सामान्य शासनकाल की तरह नहीं बीता। यह वह साल था, जब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सत्ता की कुर्सी को जनसेवा का मंच बना दिया। 17 अक्तूबर 2024 को शपथ लेने वाली सैनी सरकार जब आज अपनी पहली वर्षगांठ मना रही है, तो केवल रिपोर्ट कार्ड नहीं पेश कर रही, बल्कि यह संदेश भी दे रही है कि सरकार का अर्थ अब ‘सिस्टम’ नहीं, ‘सर्विस’ है।

भाजपा के इस तीसरे कार्यकाल में सैनी सरकार ने अपने संकल्प पत्र के 217 वादों में से 46 को पूरा कर लिया है और 90 को इस वित्तीय वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य तय किया है। लेकिन आंकड़ों से अधिक चर्चा में है वह शासनशैली, जिसने मुख्यमंत्री को मिलनसार सीएम की पहचान दी है।

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ट्रिपल इंजन की ताकत : नीति से नीयत तक एक तालमेल : केंद्र में मोदी सरकार, राज्य में नायब सरकार और निकायों में भाजपा का नियंत्रण- इस तालमेल ने विकास की प्रक्रिया को नया आयाम दिया है। योजना बनाने से लेकर फंडिंग तक, हर स्तर पर संवाद और तेजी दिखी। नायब सैनी ने इसे नीति, नीयत और नतीजे तीनों का सिंक्रोनाइज़ेशन बताया है। इसी तालमेल का नतीजा है कि राज्य में 9410 किलोमीटर सड़कों की मरम्मत, 4827 करोड़ की लागत से विकास, बरवाला इंडस्ट्रियल एस्टेट का पहला चरण पूरा और हिसार एयरपोर्ट से दिल्ली, जयपुर व चंडीगढ़ के लिए उड़ानें शुरू हुईं।

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पहला फैसला : युवाओं को रोजगार

मुख्यमंत्री ने शपथ लेने से पहले ही वह कदम उठाया, जिसकी चर्चा हरियाणा की राजनीति में लंबे समय तक होती रहेगी। 24 हजार बेरोजगार युवाओं को ग्रुप-सी की नौकरियां दी गईं। यह निर्णय न केवल रोजगार का वादा पूरा करने वाला था, बल्कि युवाओं के आत्मविश्वास को लौटाने वाला भी साबित हुआ। इसके बाद, हरियाणा लोकसेवा आयोग के माध्यम से 1311 पदों पर चयन और एचकेआरएन पोर्टल को पारदर्शी भर्ती प्रणाली के रूप में विकसित करना, सरकार की ‘रोजगार के साथ स्थायित्व’ की नीति का संकेत था।

किसानों को एमएसपी की गारंटी, 48 घंटे में भुगतान : ‘ई-खरीद एप’ और डीबीटी प्रणाली ने हरियाणा के किसानों को तकनीकी ताकत दी है। अब किसान घर बैठे फसल पंजीकरण कर सकते हैं और 48 घंटे में भुगतान बैंक खाते में पहुंचता है। राज्य की 24 फसलों को एमएसपी पर खरीद की गारंटी दी गई है, जो देश में अनूठी पहल है। नकली खाद-बीज पर पांच साल की सजा का कानून, ग्रामीणों को भूमि का मालिकाना हक और कोल्ड स्टोरेज निर्माण पर 35 फीसदी अनुदान, इन फैसलों ने कृषि को उत्पादन नहीं, बल्कि लाभ का उद्योग बनाने की दिशा दी है।

स्वास्थ्य और शिक्षा, सुविधा के साथ संवेदना : हर जिले के सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में मुफ्त डायलिसिस सेवा शुरू की गई है। 70 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के बुजुर्ग अब आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख तक मुफ्त इलाज के पात्र हैं। राज्य के सभी सरकारी कॉलेजों को डिजिटल लाइब्रेरी नेटवर्क से जोड़ा गया है। 26 कॉलेजों को ब्रिटिश काउंसिल ऑफ इंडिया और 149 कॉलेजों को नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी की सदस्यता मिली है। इससे हरियाणा ‘डिजिटल एजुकेशन स्टेट’ की दिशा में बढ़ रहा है।

कर्मचारियों और दिव्यांगों पर मेहरबान नायब सरकार : सैनी सरकार का यह साल सरकारी कर्मचारियों के लिए राहत और सम्मान दोनों लेकर आया। महिला कर्मचारियों को उनके मनचाहे दिन मासिक अवकाश का अधिकार, नयी एकीकृत पेंशन प्रणाली, और कांट्रैक्ट कर्मियों के लिए ‘सेवा सुरक्षा अधिनियम 2024’ ये तीन फैसले इस दिशा के मील के पत्थर हैं।

जनसरकार से जनविश्वास तक नायब के एक साल ने हरियाणा की राजनीति में लिखी नयी पटकथावहीं दिव्यांग खिलाड़ियों और कलाकारों को 50 हजार रुपये का वार्षिक पुरस्कार, मातृभाषा सत्याग्रहियों की पेंशन 15 हजार रुपये से बढ़ाकर 20 हजार रुपये करना और ‘सक्षम आंगनबाड़ी केंद्र’ की पहल, यह दिखाती है कि सरकार के एजेंडे में समाज के हर वर्ग का स्थान है।

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खेलों और संस्कृति में हरियाणा की नयी पहचान

‘खेल महाकुंभ’ और हरियाणा अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती मेला प्राधिकरण की स्थापना ने खेल और संस्कृति को साथ जोड़ा। खिलाड़ियों की डाइट मनी 500 रुपये प्रतिदिन, उत्कृष्ट खिलाड़ियों को सरकारी सेवा में प्राथमिकता,

और पारंपरिक खेलों को नयी पहचान, ये कदम हरियाणा को ‘स्पोर्ट्स स्टेट ऑफ इंडिया’ के रूप में स्थापित करने की दिशा में हैं।

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निवेश, उद्योग और संपर्क, हरियाणा बन रहा नया हब

‘बरवाला इंडस्ट्रियल एस्टेट’ का पहला चरण पूरा हो गया है और दूसरा निर्माणाधीन है। राज्य सरकार का कहना है कि ट्रिपल इंजन के तालमेल से केंद्र से सीधी स्वीकृति और फंडिंग मिल रही है। इससे परियोजनाओं की रफ्तार दोगुनी हुई है। हिसार एयरपोर्ट से अयोध्या, जयपुर, दिल्ली और चंडीगढ़ के लिए उड़ानें शुरू हो चुकी हैं। रेवाड़ी में सैन्य संग्रहालय और जींद में आयुष हर्बल पार्क भी इसी दिशा के प्रतीक हैं।

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दो घटनाओं ने दी चुनौती, सरकार ने सीखा सबक

इस अवधि में आईपीएस वाई पूरन कुमार और एएसआई संदीप लाठर की आत्महत्याएं सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती रहीं। इन घटनाओं ने शासन को यह सोचने पर मजबूर किया कि सिस्टम को सख्त ही नहीं, संवेदनशील भी होना चाहिए। अब राज्य में ‘मेंटल वेलनेस सेल’ बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं।

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सुबह की शुरुआत जनता से, रात का अंत फाइलों के साथ

नायब सैनी का एक साल प्रशासनिक गति के साथ मानवीय संवेदना का भी उदाहरण बना है। सुबह-सवेरे चंडीगढ़ स्थित आवास पर प्रदेशभर से आए लोग मिलते हैं तो देर रात तक भी जनता की सुनवाई जारी रहती है। कोई किसान फसल का मुआवजा लेकर आता है, कोई कर्मचारी तबादले की गुहार लगाता है। सैनी हर एक को समय देते हैं। उनकी यही सहजता और मुस्कराता व्यवहार, नौकरशाही से लेकर आम नागरिक तक, सभी को जोड़ने का काम कर रही है।चंडीगढ़ से लेकर करनाल, हिसार या सिरसा तक, वे अचानक फील्ड में पहुंच जाते हैं और कई बार मौके पर ही निर्णय लेते हैं। यही कारण है कि एक साल में उन्होंने ‘कागज पर शासन’ को ‘मैदान पर शासन’ में बदला है।

महिलाओं के लिए ‘लाडो लक्ष्मी’ योजना

हरियाणा की आधी आबादी के लिए ‘पंडित दीन दयाल लाडो लक्ष्मी योजना’ शुरू की। इसके तहत राज्य की करीब 22 लाख महिलाओं को 2100 प्रतिमाह वित्तीय सहायता दी जाएगी। पहली किस्त हरियाणा दिवस (एक नवंबर) को जारी की जाएगी। यह योजना उन राज्यों के लिए भी नजीर है, जहां ऐसी घोषणाएं तो हुईं, लेकिन क्रियान्वयन अधूरा रहा। सैनी सरकार ने इस योजना को ‘सशक्तीकरण से सम्मान तक’ का नाम दिया है।

पंचकूला में आज होगा ‘रिपोर्ट कार्ड शो’ राज्य सरकार शुक्रवार को पंचकूला के सेक्टर-5 इंद्रधनुष ऑडिटोरियम में अपना एक साल का रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने रखेगी। कार्यक्रम में सभी विभागों की थीम-आधारित प्रदर्शनी लगाई जाएगी और सरकार की उपलब्धियों को ‘एक साल- एक दिशा’ शीर्षक से प्रस्तुत किया जाएगा। मुख्यमंत्री ‘जनभागीदारी मॉडल’ और ‘ग्रामीण विकास 2.0’ की घोषणा भी कर सकते हैं।

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